लखनऊ: चुनाव आयोग ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को उनकी रिश्वत संबंधी टिप्पणी को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया है. आयोग ने उनसे मंगलवार शाम 5 बजे तक इसका जवाब मांगा है. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को भदोही में आयोजित एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि वे अन्य दलों से पैसे ले लें लेकिन वोट 'साइकिल छाप' को दें.

अखिलेश यादव ने भदोही के ज्ञानपुर रैली में कहा था कि मैंने सुना है कि वोटरों को पैसा दिया जा रहा है. मेरी सलाह है कि पैसा अपने पास रख लीजिए और साइकिल को वोट दे दीजिए.' 'साइकिल' प्रदेश की सत्ताधारी समाजवादी पार्टी का चुनाव निशान है. अखिलेश के इस विवादास्पद बयान पर चुनाव आयोग ने संज्ञान लिया है.

इससे पहले रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इसी तरह का बयान दिया था. पर्रिकर ने गोवा में एक चुनावी सभा में कहा था कि उन्हें इसमें कोई दिक्कत नहीं है कि लोग अन्य दलों की रैलियों में शामिल होने के लिए उन दलों से पैसा ले लें लेकिन उन्हें वोट 'कमल' को ही देना चाहिए. 'कमल' भारतीय जनता पार्टी का चुनाव निशान है.

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पर्रिकर के इस बयान का चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए उन्हें संयम बरतने की सख्त हिदायत दी थी. आयोग ने उनके इस बयान को मतदाताओं को वोट के बदले नोट लेने का प्रलोभन माना था. वहीं आयोग ने केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था. केजरीवाल ने भी गोवा विधानसभा चुनाव में वोटरों से अन्य दलों से धन स्वीकार करने लेकिन वोट ‘झाड़ू’ को वोट देने की अपील की थी. झाड़ू आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह है.