गायत्री प्रजापति खिलाफ ग़ैर-ज़मानती वारंट भी जारी,पासपोर्ट जब्त
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री और बलात्कार के आरोपी गायत्री प्रजापति का पासपोर्ट शनिवार (4 मार्च) को ज़ब्त कर लिया गया। प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘बलात्कार के आरोपी मंत्री गायत्री प्रजापति का पासपोर्ट जब्त कर लिया है।’ इसके साथ ही प्रजापति और छह अन्य के खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए हैं। दलजीत चौधरी ने बताया कि प्रजापति के लिए ‘लुक आउट’ नोटिस जारी किया गया है। प्रजापति की तलाश के लिए लखनऊ, कानपुर और अमेठी में छापे मारे गए हैं। इतना ही नहीं स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को भी प्रजापति के तलाशी अभियान में लगाया गया है।
इससे पहले उत्तर प्रदेश के मंत्री गायत्री प्रजापति के देश छोड़कर भागने के अंदेशे के चलते देशभर के हवाईअड्डों को अलर्ट पर रखा गया था। प्रजापति पर बलात्कार का आरोप है। उधर प्रजापति और उनके साथियों के कथित बलात्कार की शिकार बनी महिला के रिश्तेदार ने शुक्रवार (3 मार्च) को आरोप लगाया कि पीड़िता का बयान दर्ज करने एम्स आई उत्तर प्रदेश पुलिस की एक अधिकारी ने उन्हें फर्जी मुठभेड़ में मार डालने की धमकी दी है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 49 वर्षीय प्रजापति को देश छोड़कर जाने से रोकने के लिए उनके खिलाफ जल्द ही लैटर आॅफ कैंसलेशन (एलसी) खोला जाएगा। इसके अलावा सभी हवाईअड्डों को भी अलर्ट पर रखा गया है। लैटर आॅफ कैंसलेशन एक तकनीकी शब्द है। इसका इस्तेमाल किसी भी संदिग्ध के देश छोड़ने के संभावित प्रयास के प्रति आव्रजन अधिकारियों को सचेत करना होता है। जब भी संदिग्ध का पासपोर्ट बाहर जाने के किसी भी स्थान पर आव्रजन मंजूरी के लिए आता है तो कंप्यूटर की स्क्रीन पर चेतावनी जारी होती है कि अधिकारी उस व्यक्ति को आगे नहीं जाने दे। उत्तर प्रदेश की नेपाल से लगने वाली सीमा की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र सीमा बल को भी अलर्ट किया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सपा के नेता के खिलाफ कथित सामूहिक बलात्कार और अपने साथियों के साथ मिलकर पीड़िता की बेटी का उत्पीड़न करने के मामले में प्राथमिकी दर्ज की है। प्राथमिकी सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद दर्ज की गई।
गौरतलब है कि गायत्री प्रजापति पर जमीन कब्जे, खनन घोटाला, आय से अधिक संपत्ति, बलात्कार और मारपीट के कई आरोप लग चुके हैं। इन्हीं आरोपों की वजह से वे मंत्रिमंडल से बर्खास्त किए गए थे लेकिन मुलायम सिंह यादव के दबाव में अखिलेश को प्रजापति को वापस लाना पड़ा। इसके बाद सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद अमेठी से टिकट पाने में भी गायत्री कामयाब रहे। पिछले हफ्ते चुनावी रैली के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए गायत्री प्रजापति रो पड़े थे। इसी जनसभा में यूपी के सीएम और समाजवादी पार्टी मुखिया अखिलेश यादव को भी आना था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सवाल उठाए जाने के बाद अखिलेश यादव ने “रेप के आरोपी” के साथ मंच साझा ना करने का फैसला लिया था। इसलिए गायत्री प्रजापति अखिलेश के आने से पहले ही मंच छोड़ चले गए थे।
49 साल के गायत्री प्रजापति को एफआईआर दर्ज होने के बाद गिरफ्तार किया गया था। उनपर एक महिला के सामुहिक बलात्कार और महिला की बेटी का उत्पीड़न करने का आरोप है। हालांकि पुलिस ने मंत्री के खिलाफ तभी केस दर्ज किया था जब यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। प्रजापति पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सामूहिक बलात्कार का मुकदमा दर्ज किया गया था। हालांकि प्रजापति ने महिला के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था। उन्होंने दावा किया कि जिस महिला के आरोप पर मुकदमा दर्ज हुआ है, वह पहले भी कई लोगों पर ऐसे इल्जाम लगा चुकी है।