नोटबंदी वाली तिमाही में गिरी विकास दर
नई दिल्ली: भारत की वार्षिक आर्थिक विकास दर अक्टूबर-दिसंबर तक की तिमाही में धीमी हो गई है। सरकार द्वारा मंगलवार को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, अनुमान 7.4 प्रतिशत विस्तार के मुकाबले नोटबंदी वाली तिमाही में 7 प्रतिशत की विकास दर ही हासिल की जा सकती है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने भी मार्च 2017 में खत्म हो रहे वित्त वर्ष के लिए वृद्धि दर के अनुमान को 7.1 प्रतिशत ही रखा है। समाचार एजंसी रॉयटर्स ने विशेषज्ञों के बीच किए गए सर्वे में इसी तिमाही में 6.4 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान लगाया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में भारत की वार्षिक मूलभूत संरचनात्मक उत्पादन वृद्धि दर भी 1.2 प्रतिशत गिरकर 3.4 प्रतिशत रह गई है। रिफाइनरी प्रोडक्शन और सीमेंट उत्पादन मे गहरे संकुचन से पिछले महीने के 5.6 प्रतिशत के मुकाबले यह गिरावट देखी गई है। वर्तमान वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में उत्पादन वृद्धि 4.8 प्रतिशत दर्ज की गई है। रिफाइनरी उत्पादन पिछले साल इसी महीने के मुकाबले 1.5 प्रतिशत गिर गया है, पिछले महीने इस क्षेत्र में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी।
जनवरी तक वर्तमान वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में भारत का राजकोषीय घाटा 5.64 ट्रिलियन रुपए (84.56 बिलियन डॉलर) रहा है। जो कि मार्च 2017 में खत्म हो रहे वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा बजट में तय किए गए लक्ष्य का 105.7 प्रतिशत है। इसी समयकाल में साल भर पहले राजकोषीय घाटा पूरे साल के लक्ष्य का 95.8 फीसदी रहा था। सरकारी डाटा के अनुसार, 2016-17 वित्त वर्ष के शुरुआती 10 महीनों में शुद्ध कर प्राप्तियां 8.16 ट्रिलियन करोड़ रुपए रहीं।