गुस्से में उठी हर आवाज के लिए एक गुरमेहर होगी
कारगिल शहीद की बेटी के समर्थन में आये राहुल
नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामजस कॉलेज में छात्र संगठनों के बीच हुई हिंसा राष्ट्रीय राजनीति का मुद्दा बन चुकी है। सोमवार (27 फरवरी) सरकार के कई मंत्रियों ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया कैंपेन शुरू करने वाले गुरमेहर कौर को लेकर बयान दिए। हालांकि कई वामपंथी संगठनों ने गुरमेहर का समर्थन किया है। अब विपक्षी दलों की ओर से कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी गुरमेहर के पक्ष में ट्वीट किया है। राहुल के कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से लिखा गया, ”डर की तानाशाही के खिलाफ हम अपने छात्रों के साथ हैं। गुस्से, असहिष्णुता और ज़हालत में उठी हर आवाज के लिए एक गुरमेहर कौर होगी।” गुरमेहर अब इस पूरी बहस का केंद्र बन गई हैं। दरअसल, रामजस कॉलेज में हुई हिंसा के खिलाफ उन्होंने अपनी फेसबुक प्रोफाइल पर एक तख्ती के साथ अपनी फोटो पोस्ट की थी, जिसमें लिखा था, ‘मैं दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ती हूं। मैं एबीवीपी से नहीं डरती। मैं अकेली नहीं हूं। भारत का हर छात्र मेरे साथ है। हैशटैग स्टूडेंट्स अगेंस्ट एबीवीपी।’
रविवार को एक भाजपा सांसद ने गुरमेहर की तुलना 1993 मुंबई बम धमाकों के मास्टरमाइंड और आतंकी दाऊद इब्राहिम से कर डाली थी। बीजेपी सांसद प्रताप सिम्हा ने ट्विटर पर कौर और दाऊद की तस्वीर पोस्ट करते हुए लिखा, ”कम से कम दाऊद ने अपने राष्ट्र-विरोधी रवैये को सही ठहराने के लिए अपने पिता के नाम का इस्तेमाल नहीं किया।” तस्वीर में कौर की तख्ती पर लिखे ‘पाकिस्तान ने मेरे पिता को नहीं मारा, जंग ने मारा’ के जवाब में दाऊद के हाथ में थमाई तख्ती में लिखा, ”मैंने 1993 में लोगों को नहीं मारा, बमों ने मारा।”
गुरमेहर कौर को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने ट्वीट किया था, ‘वे कौन लोग हैं जो इस युवा लड़की की मानसिकता को दूषित कर रहे हैं। रक्षा क्षेत्र में सामर्थ्य रखने वाला देश दुश्मन से नहीं बल्कि इन हरकतों से हारता है।’