घड़ियाली आँसू छोड़ पूर्वांचल को अलग राज्य बनाने की घोषणा करें PM: मायावती
लखनऊ: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार पर पूर्वी उत्तर प्रदेश की घोर अनदेखी व उपेक्षा का आरोप लगाते हुये कहा कि क्षेत्र की गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन के लिये उन्हें केवल घड़ियाली आँसू बहाते रहने के बजाय क्षेत्र के समुचित व समग्र के विकास के लिये ’’पूर्वांचल’’ को अलग राज्य बनाना चाहिये जिसके सम्बन्ध में उत्तर प्रदेश विधानसभा से बी.एस.पी. की सरकार द्वारा पारित प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास पिछले कई वर्षों से लम्बित है।
नरेन्द्र मोदी के आज मऊ रैली में दिये गये भाषण पर अपनी सख्त प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये मायावती ने कहा कि उनकी ’भारत माता की जय’ में पूर्वांचल शामिल क्यों नहीं है जबकि वह स्वयं इसी क्षेत्र से न केवल सांसद हैं बल्कि प्रधानमंत्री पद पर भी सुशोभित हैं। जिस पूर्वांचल क्षेत्र के जबर्दस्त पिछड़ेपन व गरीबी व बेरोजगारी के लिये आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी देश के पिछले सभी प्रधानमंत्री को कोसते रहते हैं, कल को उनका ’कारनामा’ भी उसमें शामिल होने वाला है क्योंकि वह स्वयं गरज-गरज कर बोल ज्यादा रहे हैं और जनहित के अच्छे काम नहीं कर रहे हैं।
इसी प्रकार किसानों के सम्बन्ध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोक-लुभावन घोषणायें व वायदे लोगों के गले के नीचे नहीं उतर पा रहे हैं, क्योंकि देश के किसानों ने इनकी सरकार का घोर किसान-विरोधी वह वीभत्स रूप व कार्यप्रणाली देखा है जब नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाकर किसानों की जमीन छीनकर बड़े-बड़े धन्नासेठों व पूँजीपतियों को देने के लिये बार-बार एक ही अध्याधेश को उनकी सरकार में जारी किया गया था।
मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बावजूद नरेन्द्र मोदी 2014 के लोकसभा आमचुनाव जैसा ही लोक-लुभावन वायदा यहाँ प्रदेश में हो रहे विधानसभा आमचुनाव में लोगों से कर रहे हैं जबकि उन्होंने अपना पिछला वादा भुला दिया है और आमजनता उनकी घोर वादाखिलाफी व नोटबन्दी के कारण हुयी जनपीड़ा का हिसाब उनसे माँग रही है और वे हैं कि इन ज्वलन्त समस्याओं का सन्तोषजनक जवाब देने से भागते फिर रहे हैं और रोज शमशान, कब्रिस्तान, गुजरात के गधे जैसे नये-नये गै़र-जरूरी मुद्दे उछाल रहे हैं और इस क्रम में वे गधे से प्रेरणा लेने की बात भी देशवासियों को बताना नहीं भूलते हैं, जो कि उनके पद की गरिमा के हिसाब से बहुत ही गिरी हुई बात है।
इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री ने ’आज कानून के डण्डे’ का भी उल्लेख किया है, जिसके बारे में बी.एस.पी. का कहना है कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र है जहाँ वह कानून व्यवस्था नहीं संभाल पा रही है तो उत्तर प्रदेश को वे क्या संभाल पायेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार के जिम्मे जो सीधी जिम्मेदारी है वह जनहित का काम अब तक करके दिखा नहीं पा रही है, परन्तु लोगों को वरगलाने का काम अभी भी जारी है, यह छलावा नहीं तो और क्या है?