लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज साकिब माॅडल स्कूल में आयोजित साकिब साहित्य अवार्ड समारोह में प्रो0 शारिब रूदौलवी, डाॅ0 सबीहा अनवर, प्रो0 कमर जहाँ, डाॅ0 अब्बास रज़ा नैययर, अवधनामा के सम्पादक वकार रिज़वी] इस्मत मलिहाबादी सहित अन्य लोगों व शिक्षकों एवं पूर्व छात्रों को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये। राज्यपाल ने कार्यक्रम में स्कूल की पत्रिका को लोकार्पण भी किया।

राज्यपाल ने अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि छात्रों का धर्म है पढ़ाई करना। विद्यार्थियों को चाहिए कि वे अपनी पढ़ाई पर ध्यान दें और अपनी प्राथमिकता तय करें। शिक्षा का कोई अंत नहीं है, इसलिए ज्यादा से ज्यादा विद्या अर्जित करें। केवल किताबी कीड़ा न बने, खेल-कूद सहित सामाजिक गतिविधियों में भी हिस्सा लें। असफलता से घबराये नहीं। उन्होंने कहा कि छात्र जीवन समग्र व्यक्तित्व विकास के लिए उपयुक्त अवसर होता है।

श्री नाईक ने चरैवेति! चरैवेति!! श्लोक को उद्धृत करते हुये कहा कि जो रूकता है उसका भाग्य भी रूक जाता है और जो आगे बढ़ता है उसका भाग्य भी आगे बढ़ता है। सूरज सबको प्रकाश देता है और सदैव आगे बढ़ता रहता है इसलिये वंदनीय है। हमारा देश वसुधैव कुटुम्बकम यानि पूरा विश्व एक परिवार है की परम्परा में विश्वास करता है। भारत देश की विशेषता है कि अनेक धर्मों एवं भाषाओं के लोग यहाँ एक साथ रहते हैं। बुजुर्ग बच्चों को समझायें तो उन्हें सही दिशा मिलेगी। उन्होंने कहा कि बच्चों को अच्छी शिक्षा देने से देश आगे बढे़गा।

राज्यपाल ने कहा कि युवा पढ़ाई के साथ-साथ स्वास्थ्य और व्यक्तित्व विकास पर भी ध्यान दें। उन्होंने व्यक्तित्व विकास एवं सफलता के मंत्र बताते हुए कहा कि सदैव प्रसन्नचित रह कर मुस्कराते रहंे, दूसरों के अच्छे गुणों की प्रशंसा करें और अच्छे गुणों को आत्मसात करने की कोशिश करें, दूसरों को छोटा न दिखाये, अहंकार सफलता में गति अवरोध का काम करता है तथा हर काम को और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करें।

इस अवसर पर प्रो0 शारिब रूदौलवी ने कहा कि बेरोजगारी दूर करने में शिक्षा की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि अच्छी शिक्षा के साथ-साथ बच्चों को अच्छा नागरिक भी बनाने की जरूरत है।