कही बाप तो कही बेटे की प्रतिष्ठा है दाव पर, कुछ सीटो को छोड़ लड़ाई से बाहर सपा
आसिफ मिर्जा
सुलतानपुर। पाचवे चरण के मतदान में कही बाप तो कही बेटे की प्रतिष्ठा दाव
पर लगी हुई है। हार मिली तो ओहदे भी जाने का डर बना है। हालाकि खददरधारी
चुनाव जीत के लिए हर तिकड़ी भिड़ा रहे है। मतदाताओं की चुप्पी
प्रत्याशियों की धड़कन तेज कर रही है।
इसौली विधान सभा में बसपा प्रत्याशी शैलेन्द्र त्रिपाठी, सपा
प्रत्याशी अबरार अहमद, रालोद प्रत्याशी यशभद्र सिंह मोनू और एमबीसीआई
प्रत्याशी शिवकुमार सिंह के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। यहां
बसपा प्रत्याशी शैलेन्द्र के पिता ओमप्रकाश त्रिपाठी बसपा के स्टार
प्रचारक है। माना जा रहा है कि यदि हार मिली तो बसपा सुप्रीमो मायावती की
नजर में इनकी इज्जत कौड़ी बराबर नही रहेगी। इसौली सीट सीट भद्र परिवार की
विरासत मानी जाती है। आजादी के बाद से यह सीट पूर्व विधायक इंद्र भद्र
सिंह के पास आ गई। मिलनसारिता के चलते यह सीट दूसरे के पास नही जा पाई
थी। इंद्र भद्र की हत्या के बाद बड़े बेटे सोनू सिंह ने विरासत संभालना
शुरू कर दिया। वर्ष 2012 के चुनाव में यह सीट भद्र परिवार के हाथ से निकल
गई। हलाकि सीट को बचाने के लिए सोनू के छोटे भाई मोनू ने पीस पार्टी से
चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बाहुबली मोनू सिंह रालोद से चुनाव लड़ रहे
है। जिन्हें जनता का सहयोग भी मिल रहा है। बाहुबली मोनू की जीत में सपा
बसपा और निर्दल प्रत्याशी शिव कुमार सिंह रोड़ा बन रहे है। हलाकि मोनू
अपनी जीत तय मान रहे है। वजह यह है कि एक तरफ जहा युवाओं का सहयोग मिल
रहा है तो दूसरी तरफ बड़े भाई पूर्व विधायक सोनू सिंह बीजेपी की बजाय
अपने भाई को जिताने के लिये जुट गए है। मोनू सिंह के पिता इंद्र भद्र
गरीबो के मसीहा माने जाते थे। यही वजह रही कि यह सीट इनकी धरोहर बन गई
थी। हत्या के बाद मायंग ही नही पूरा जिला रोया था।
हैट्रिक को रोकने के लिए बसपा ने कसी कमर
सुल्लतानपुर विधानसभा से दो बार के विधायक अनूप संडा इस बार सपा कांग्रेस
गठबंधन के उम्मीदवार हैं। उनके मुकाबले पर भाजपा के सूर्यभान सिंह और
बसपा से मुजीब अहमद हैं। सूर्यभान सिंह पूर्व विधायक हैं तो मुजीब
राजनीति के कच्चे खिलाड़ी हां ठेकेदारी जरूर जानते हैं। ऐसे में लड़ाई
सपा-बसपा के बीच आकर फंस गई है, सपा हैट्रिक तो बसपा खाता खोलने के जोर
आजमाइश कर रही है।
गैंगरेप का कलंक नही रहा है धुल
विधानसभा सदर में बसपा प्रत्याशी राजबाबू उपाध्याय व भाजपा प्रत्याशी
सीताराम वर्मा के बीच सीधी लड़ाई मानी जा रही है। यहां के सपा सिटिंग
विधायक पर लगे गैंगरेप और हत्या का दाग गहरा होता चला गया। जो इनके लिए
मुसीबत साबित हो रही है।
बाप की इज्जत बेटे के हाथ
सुरक्षित सीट कादीपुर में सपा विधायक रामचंदर चैधरी के बेटे अंगद चैधरी
कांगे्रस से चुनाव लड़ रहे है। पूर्व विधायक भगेलूराम इस चुनाव को हर-हाल
में जीतने के लिए कोई कसर नही छोड़ रहे है। कांगे्रसी रहे जयराज गौतम के
बेटे राजेश गौतम भी भाजपा से चुनाव में है। यहां पर लड़ाई त्रिकोणीय देखी
जा रही है।
पूर्व मंत्री की प्रतिष्ठा दाव पर
लम्भुआ विधानसभा में पूर्व मंत्री विनोद सिंह बसपा से चुनाव लड़ रहे है।
इनका सीधा मुकाबला सपा विधायक संतोष पांडेय से देखा जा रहा है। हालाकि
मतदाता भाजपा को भी कम नही आक रहे है।