सोशल एक्टिविस्ट का दावा, मोदी से बड़े दहशतगर्द हैं आजम और अखिलेश
आसिफ मिर्जा
सुलतानपुर। दस साल तक किन्नरो की लड़ाई लड़कर उन्हें वोट देने का अधिकार दिलाने वाले बरेली के सोशल एक्टिविस्ट डॉ अहशानुल हुदा का दावा है कि सपा मुस्लिमो की हितैषी नही है। इसकी पटकथा आर एस एस के दफ्तर नागपुर से लिखी जाती है। ये लोग हिन्दू मुस्लमान में नफरत फैलाकर वोट की राजनिति कर रहे है। आजम और अखिलेश अमन के दुश्मन है। इस बार इनका सफाया तय है। हुदा ने दावा किया कि बसपा सरकार बनाकर ऐसे अमन के दुश्मनो का सफाया करेगी।
दंगो के जिम्मेदार है आजम और अखिलेश
हुदा ने कहा कि बरेली मुजफ्फरनगर के दंगो में हिन्दू और मुसलमान मारे गए। कैंप में लोग मर रहे थे तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादय सैफई में डांस देख रहे थे। उन्होंने इसे रोकने के लिए कोई दिलचस्पी नही दिखाई। हुदा ने कहा कि आजम चाहते है कि मुसलमान अनपढ़ रहे जिससे वह अपना हक़ न मांग सके। बरेली और मुजफ्फर नगर में आपसी भाईचारा इतना था कि हिन्दू और मुसलमान एक दूसरे के यहाँ शादी तक कर लेते थे। यह मिलाप आजम और अखिलेश को नागवार लगा और दंगे करवा दिए। 400 से ज्यादा दंगे सपा की मंशा जाहिर कर रहे है। जिसे रोकने के लिए कोई कदम नही उठाया गया।
मोदी को माफ़ कर दे या आजम को भी सजा दे
गुजरात दंगो पर रोशनी डालते हुए हुदा ने कहा कि अगर पीएम मोदी जिम्मेदार है तो 400 से अधिक दंगो और कत्लेआम के जिम्मेदार आजम और अखिलेश भी है। यदि मोदी को सजा दी जाय तो आजम और अखिलेश की भी सजा मिले क्योकि यूपी में अखिलेश सरकार थी। दंगो को रोकने के बजाय सपा ने भड़काया था।
कांग्रेस भी है मुसलमानो की दुश्मन
गृह मंत्रालय से 10 बिन्दुओ पर मांगी गई जान सुचना का हवाला देते हुए हुदा ने कहा कि मोदी से ज्यादा कांग्रेस शासन में मुस्लिम नवयुवक आतंकवाद के संदेह में ज्यादा बंद किये गए। हुदा ने बताया कि उन्होंने 10 साल के भीतर आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद किये गए मुस्लिंम युवको से सम्बंधित सुचना मागी थी। जिसका जवाब मिला कि अभी तक सुचना देने कि सेल का गठन नही हुआ है। इसका आंकड़ा भी नही है। सवाल उठता है कि मोदी 3 साल से सरकार चला रहे है जबकि 7 साल से केंद्र में कांग्रेस की ही सरकार थी। अब कांग्रेस ने मुसलमान वोट हथियाने के लिए सपा से गठबंधन किया है।
लैपटॉप बाँटने में किया गया है अरबों का घोटाला
हुदा ने बताया कि जनकल्याणकारी योजनाओं को चलाने के लिए वर्ल्ड बैंक से पैसा आता है। इसे सरकार जनता की भलाई के लिए चाहे जिस मद में खर्च करे। सपा सरकार ने स्कूल कॉलेज में खर्च करने की बजाय लैपटॉप में इसलिए खर्च किया जिससे बड़ा घोटाला किया जा सके। हुदा ने दावा किया कि एक लैपटॉप का भुगतान की बिल सवा लाख रूपये पास किया गया है। इन्ही पैसो से सैफई में बार बालाओं को नचाया गया था।