जातीय समीकरण से भारी दिख रही सपा, बाहुबली ने बढ़ाई मुश्किले
सुलतानपुर। इसौली विधानसभा में चुनाव कुछ ज्यादा ही दिलचस्प हो चला है।
जातीय समीकरण के आधार पर भले ही सपा भारी दिख रही है, लेकिन बाहुबली और
छोटे दलों के प्रत्याशी ने अन्य पार्टियों की नींद हराम कर दी है।
प्रत्याशी एक-दूसरे के मतों में सेंधमारी कर रहे है।
इसौली विधानभा सीट मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती है। यहां पर सपा से अबरार
अहमद तो एआईएमआईएम से दाउद खां ताल ठोक रहे है। बसपा ने शैलेन्द्र
त्रिपाठी को चुनाव मैदान में उतार दिया है। भाजपा से ओमप्रकाश बजरंगी तो
एमबीसीआई से शिवकुमार सिंह हुकार भर रहे है। रालोद ने बाहुबली यशभद्र
सिंह मोनू को चुनाव मैदान में उतारा है। सभी अपनी जीत का दम्भ भर रहे है।
यहां पर मुस्लिम मतों का दारोमदार है। यही वजह है कि सभी प्रत्याशियों की
निगाहे मुस्लिम मतों पर टिकी हुई है। चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में
सभी प्रत्याशियों ने अपनी ताकत झोक दी है। छोटे दल के उम्मीदवार भी कम
में नही आके जा रहे है। मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा
रही है।
बसपा के लिए सुप्रीमों मायावती ने झोकी ताकत
बसपा प्रत्याशी शैलेन्द्र त्रिपाठी के लिए मायावती ने जहां रैली कर
जिताने की अपील किया वही सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए शकील अहमद और
ताहिर खां जी-जान से जुट गए है। कुछ बाहरी नेता भी बसपा प्रत्याशी के लिए
वोट मांग रहे है।
सपा के लिए आजम ने की अपील
सपा प्रत्याशी अबरार अहमद के लिए आजम खान चुनावी जनसभा कर चुके है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी अबरार अहमद के लिए वोट मांगा था। अबरार
अहमद खुद अपनी जीत के लिए दिन-रात एक किए हुए है।
खुद है स्टार प्रचारक
रालोद प्रत्याशी यशभद्र सिंह मोनू और एमबीसीआई प्रत्याशी शिवकुमार सिंह
के प्रचार के लिए कोई बड़ा नेता नही पहुचा। यह दोनो प्रत्याशी अपने दम पर
चुनाव लड़ रहे है। शिवकुमार सिंह के चुनाव की कमान उनकी पत्नी जिला
पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह ने सम्भाल रखी है। दूसरी तरफ रालोद प्रत्याशी ने
अपनी कमान अपने हाथ में रखी है। दोनो प्रत्याशियों ने सपा-बसप की नींद
हराम कर दी है।