मुझे पार्टी का सर्वेसर्वा होने का कोई मुगालता नहीं: अखिलेश यादव
मैनपुरी: समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गुरुवार को कहा कि उन्हें पार्टी का सर्वेसर्वा होने का कोई मुगालता नहीं है और यह दल अब भी उसके संस्थापक मुलायम सिंह यादव का है. अखिलेश ने मैनपुरी में आयोजित चुनावी रैली में कहा, ‘‘मुझे कहीं भ्रम नहीं है कि यह पार्टी मेरी है. यह पार्टी अब भी नेताजी (मुलायम) की है.’ मैनपुरी में अखिलेश यादव ने रैली में अपनी सफलताओं को गिनाया. साथ ही अखिलेश यादव ने कहा कि कुछ लोगों ने उनकी राजनीति में बहुत परीक्षा ली, लेकिन मैं उन्हें कुछ नहीं कहूंगा. मैंने समय और परिस्थिति के हिसाब से फैसला लिया. अगर मैं ऐसा फैसला नहीं लेता तेा हमारा रास्ता कुछ और होता. अगर पार्टी के लोग और विधायक मेरा साथ नहीं देते तो हमारी हालत पता नहीं क्या की गई होती. मैं ये कंफ्यूजन नहीं रखता कि ये मेरी पार्टी है, ये आज भी नेताजी की पार्टी है.
अखिलेश ने कहा, ‘मेरे साथ सारे विधायक और मंत्री खड़े हो गये, अगर मेरे साथ केवल 10 विधायक होते तो सोचो मेरी हालत क्या कर दी गयी होती. मुझे किसी से शिकायत नहीं है. हो सकता है कि कुछ लोग बगल के विधानसभा क्षेत्र में गड़बड़ कर रहे हों.’ उन्होंने कहा, ‘हमने कुर्सी के लिये यह सब कुछ नहीं किया. हमने यह इसलिये भी किया कि लोगों में संदेश जाए कि सपा समय के हिसाब से चलती है.’
मालूम हो कि मुलायम के परिवार में जारी खींचतान के बीच गत एक जनवरी को हुए सपा के राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को मुलायम की जगह पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया गया था, जबकि मुलायम को ‘सर्वोच्च रहनुमा’ का ओहदा दे दिया गया था. मुलायम ने बुधवार को एक जनसभा में कहा था कि पार्टी की ‘खतौनी’ भले ही अखिलेश की हो गयी हो, लेकिन ‘खसरा’ अब भी उनके ही नाम है.