पंडित दीनदयाल उपाध्याय सज्जनता की प्रतिमूर्ति थे-राज्यपाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की 49वीं पुण्य तिथि पर के0के0सी0 स्थित दीनदयाल वाटिका जाकर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की।
राज्यपाल ने श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय सज्जनता की प्रतिमूर्ति थे। उन्हें भारतीय परम्परा के प्रतीक एवं राष्ट्रवादी विचारों के लिये याद किया जाता है। पंडित दीनदयाल ने भारत की राजनीति को नयी दिशा देकर देश को स्पष्ट विचार और शुद्ध आचार दिया। वे एकात्मता के विचार पर बल देते थे इसलिये उन्होंने एकात्म मानववाद का संदेश दिया। राजनीति के प्रति उनका मत था कि राजनीति का लक्ष्य अंतिम पायदान पर खडे़ व्यक्ति का विकास यानि अंत्योदय होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंडित दीनदयाल ने अपने व्यवहार और आचार के माध्यम से लोगों के सामने आदर्श प्रस्तुत किया।
श्री नाईक ने कहा कि पंडित दीनदयाल कहते थे कि मतदान केवल कागज की पर्ची पर मोहर लगाना नहीं बल्कि लोकाज्ञा है। राज्यपाल ने कहा कि सभी नागरिकों को मतदान करना चाहिए ताकि योग्य प्रतिनिधि एवं योग्य सरकार चुनी जा सकें। गत विधान सभा और लोक सभा के चुनाव में प्रदेश में लगभग 59 प्रतिशत मतदान हुआ था। गत सप्ताह हुये विधान सभा चुनाव में गोवा में 83 प्रतिशत और पंजाब में 79 प्रतिशत मतदान हुआ। राज्यपाल ने इच्छा व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश में इससे भी ज्यादा मतदान हो। मतदान शांतिपूर्ण एवं आचार संहिता के निर्धारित नियमों के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिन मतदान केन्द्रों पर शत-प्रतिशत मतदान होगा उनका वे राजभवन में सम्मानित करेंगे।