रेनकोट पहनकर नहाना मनमोहन सिंह से सीखें
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में अपने संबोधन के दौरान नोटबंदी के फैसले को एक बार फिर सही ठहराते कहा कि भ्रष्टाचार और काले धन के खिलाफ लड़ाई कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है और न ही यह किसी राजनीतिक दल को परेशान करने की लड़ाई है. उन्होंने कहा कि ऐसा सोचने का कोई कारण बिल्कुल नहीं है. प्रधानमंत्री ने कहा कि कालेधन से सबसे ज्यादा पीड़ित गरीब लोग हैं. कालेधन की समानांतर अर्थव्यवस्था के कारण सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों का होता है. यही नहीं कालेधन का इस्तेमाल आतंकवाद और नक्सलवाद बढ़ाने में होता है.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर तंज कसते हुए कहा बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाना मनमोहन सिंह से सीखें. पीएम मोदी ने कहा कि 30-35 सालों से आर्थिक फैसलों में मनमोहन सिंह की भूमिका रही. इतने घोटाले सामने आए लेकिन मनमोहन सिंह पर दाग नहीं लगा. मनमोहन पर पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ और कांग्रेस के सांसदों ने सदन से वॉक आउट किया.
प्रधानमंत्री ने नोटबंदी के मुद्दे पर कहा कि दुनिया में कहीं इतना बड़ा फैसला नहीं हुआ. नोटबंदी पर पहली बार जनता और सरकार साथ आई, क्योंकि आम तौर पर जनता और सरकार आमने-सामने होती है. अलबत्ता इस मुद्दे पर नेताओं और जनता के मिजाज जरूर अलग-अलग देखने को मिले. पीएम मोदी ने कहा कि जब तक बेईमानों के प्रति कठोरता नहीं बरती जाएगी तब तक ईमानदार लोगों को ताकत नहीं मिलेगी, इसलिए इन कदमों से ईमानदार लोगों को ताकत मिलेगी ऐसा हमारा यकीन है.
उन्होंने कहा कि गोडबोले जी की किताब में लिखा है कि इंदिरा जी के समय एक अफसर ने कहा था कि वह नोटबंदी के खिलाफ थीं क्योंकि उनका कहना था कि उन्हें चुनाव भी लड़ना होता है. जब वांचू कमेटी ने रिपोर्ट दिया था तब काला धन और नकद तक ही समस्याएं सीमित थीं. लेकिन बाद में आतंकवाद, नक्सलवाद, ड्रग्स के कारोबार समेत कई क्षेत्रों में समस्या फैल गई थी.
नोटबंदी के फायदे गिनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 40 दिनों में 700 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया जो कि अद्वितीय है. पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में नोटबंदी जैसा कुछ भी नहीं है. इसलिए अर्थशास्त्रियों के पास इसके विषय में जानकारी नहीं है. यह विश्वविद्यायलों के लिए अध्ययन का विषय हो सकता है. नोटबंदी से परेशानियों के बावजूद कोई हिंसा नहीं हुई, क्योंकि देश बुराइयों से लड़ने के लिए आतुर है. उन्होंने कहा कि जो लोग जाली नोट बना रहे थे, उन्हें आत्महत्या करनी पड़ी.
प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरी दुनिया पेपरलेस बैंकिंग की ओर जा रही है, भारत को भी इस दिशा में बढ़ना चाहिए. डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने की जरूरत है और हम इस पर काम कर रहे हैं. पीएम मोदी ने कहा कि रिजर्व बैंक को सरकार ने काफी स्वायत्तता दी है, ऐसी संस्थाओं पर विवाद ठीक नहीं है.