कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज आशियाना परिवार द्वारा आयोजित सर्वधर्म सम्मेलन में अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आशियाना परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम सामाजिक महत्व का सराहनीय कार्य है। सर्वधर्म सम्मेलन को एक दिन का आयोजन न मानकर सबको साथ लेकर चलने को व्यवहार में लायें। सभी की परम्पराएं अलग हो सकती हैं लेकिन सबका सार एक है। उन्होंने कहा कि लोग आमतौर पर धर्म का अर्थ हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई समझते हैं जबकि अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों का पालन करना ही सबसे बड़ा धर्म है।
श्री नाईक ने कहा कि देश के संविधान के अनुसार सभी धर्मों को मानने वाले लोग समान हैं। हमें विधि के राज का पालन करना चाहिए। जब भी देश पर कोई संकट आया है सभी धर्मों के लोगों ने मिलकर बिना धर्म के भेदभाव के लड़ाई लड़ी है। चाहे वह झांसी की रानी हों, तात्याटोपे या बहादुर शाह जफर हों। देश में अनेक धर्म, खानपान, वेशभूषा, भाषा होने के बावजूद राष्ट्र के नाम पर सब एक हैं। सभी धर्मों और विचारों के लोगों का एक साथ आने से आपसी सौहार्द का रिश्ता बनता है। उन्होंने कहा कि सभी धर्मों का लक्ष्य एक है, रास्ते भले ही अलग-अलग हों।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में विधान सभा का चुनाव वास्तव में जनतंत्र का महाकुंभ है। संविधान ने मतदान का अधिकार दिया है इसलिये मतदान करके अपने दायित्व का निर्वाहन करें। 2012 के विधान सभा तथा 2014 के लोकसभा चुनाव में यह पाया गया है कि लगभग 40 प्रतिशत लोगों ने मतदान नहीं किया था। मतदाता अपनी इच्छा से योग्य प्रतिनिधि चुनने के लिये स्वतंत्र है। आचार संहिता का पालन करते हुए शांतिपूर्ण मतदान होना चाहिए। पंजाब और गोवा के मतदान आंकड़ों से पता चलता है कि लोगों में मतदान के लिये रूचि बढ़ी है। उत्तर प्रदेश का मतदान प्रतिशत इससे भी आगे बढ़े। उन्होंने आग्रह किया कि प्रदेश में शत-प्रतिशत मतदान हो।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि आशियाना परिवार द्वारा आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से सभी धर्मों के बीच एकता का पैगाम पूरे मुल्क में जायेगा। सभी धर्मों का पैगाम प्यार, मोहब्बत और इंसानियत है। अपने-अपने धर्मों को मानते हुए देश को गुलदस्ता बनाये। उन्होंने कहा कि इस पैगाम को घर-घर पहुंचाये ताकि दिलों की दूरियां कम हों।
राज्यपाल ने इस अवसर पर विभिन्न धर्मों के लोगों को जिसमें मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली, आचार्य डा0 कृष्ण मोहन, फादर रोनाल्ड डिसूजा, श्री महेन्द्र सिंह बुद्ध पुत्र, श्री कैलाश चन्द्र जैन, श्री गुरमीत सिंह, श्री मुरलीधर आहूजा आदि को शाल, स्मृति चिन्ह, गुलदस्ता व पदक देकर सम्मानित किया। उन्होंने इस अवसर पर विशिष्ट सेवा प्रदान करने के लिये डा0 एस0 मुंशी, श्री नियाज अहमद, श्रीमती दीप्ती मिश्रा, श्रीमती सुनीता गौड़ को भी सम्मानित किया।