STF ने किया सोशल ट्रेड के नाम पर 3700 करोड़ रुपये ठगने वाली कंपनी का पर्दाफाश
लखनऊ: एसटीएफ ने देशभर के 6.30 लाख लोगों से सोशल ट्रेड के नाम पर 3700 करोड़ रुपये ठगने वाली कंपनी का पर्दाफाश किया है। एसटीएफ का कहना है कि एब्लेज इंफो सॉल्यूशंस नाम की कंपनी सेक्टर-63 में अपना ऑफिस संचालित कर रही थी।
एसटीएफ ने कंपनी के मालिक सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और केनरा बैंक के खातों में जमा कंपनी के 524 करोड़ रुपये सीज कर दिए है। एसटीएफ का दावा है कि कंपनी ने निवेशकों से मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए डिजिटल मार्केटिंग के नाम पर इतनी बड़ी ठगी को अंजाम दिया है।
गुरूवार को सेक्टर-14ए स्थित पुलिस ऑफिस में पत्रकारों को फर्जीवाड़े की जानकारी देते हुए एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया कि सेक्टर-63 एफ ब्लॉक में एब्लेज इंफो सॉल्यूशन प्रा. लि. कंपनी द्वारा सोशल टे्रड डॉट बिज के नाम से सोशल पोर्टल बनाकर मल्टी लेवल मार्केटिंग के जरिए लोगों सदस्य बनाया गया। सदस्यता शुल्क के रुप में 5750 रुपये से 57500 रुपये तक लिए गए।
कंपनी पर पड़े छापे में एसटीएफ को 6.30 लाख लोगों के फोन नंबर डाटाबेस में मिले हैं जबकि 9 लाख लोगों के पहचान पत्र बरामद किए गए हैं। बुधवार रात को एसटीएफ ने कंपनी पर छापा मारकर कंपनी के निदेशक अनुभव मित्तल, सीईओ श्रीधर प्रसाद और तकनीकी प्रमुख महेश को गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने बताया कि अनुभव मित्तल पुत्र सुनील मित्तल हापुड़ जनपद के पिलखुवा का रहने वाला है जबकि कंपनी का सीईओ श्रीधर पुत्र पीएस रमन्ना मूलरूप से विशाखापट्टनम का रहने वाला है और वर्तमान में वह 53बी, सेक्टर-53 नोएडा में रहता है।
एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया तीसरा अभियुक्त कंपनी का टैक्नीकल हैड महेश दयाल पुत्र गोपाल मथुरा जनपद के थाना बरसाना क्षेत्र स्थित कमई गांव का रहने वाला है। केनरा बैंक की गाजियाबाद स्थित शाम में कपंनी के 12 खातों में 524 करोड़ रुपये सीज कर दिए गए हैं। इसके अलावा एसटीएफ के टीम ने कंपनियों से संबंधित बेलेंस शीट, निवेशकों की सूची, कंपनियों के कर्मचारियों की सूची, बैंक खातों की सूची, निवेशकों की शिकायतों की सूची, विभिन्न खातों में हुए ट्रांजेक्शन की सूची और वेबसाइट निवेशकों के वेबसाइट यूआरएल की सूची कब्जे में ली है।
एसटीएफ का कहना है कि कंपनी लोगों को सोशल ट्रेड डॉट बिज पोर्टल से जोड़ने के लिए 5750 रुपये, 11500 रुपये, 28750 रुपये तथा 57500 रुपये में सदस्यता देती थी। उसके बाद हर सदस्य को पोर्टल पर मिलने वाले लिंक को लाइक(क्लिक) करना होता था। लाइक करने पर कंपनी अपने सदस्य के खाते में पांच रुपए के हिसाब से रुपये भेजती थी। हर सदस्य को 21 दिन में अपने नीचे दो और लोगों को जोड़ना होता था जिसके बाद सदस्य को मिलने वाले लिंक दोगुने हो जाते थे। इसके अलावा उसे प्रमोशनल आय के नाम पर भी कुछ रुपये दिए जाते थे। उन्होंने बताया कि कंपनी अपने एड खुद डिजाइन करके पोर्टल पर डालती थी और सदस्य से लिये गये पैसे को ही वापस करती थी।
एसएसपी ने बताया कि सरकारी जांच एजेंसियों से बचने के लिए यह कंपनी एक माह से लगातार नाम बदल रही थी। पहले सोशल ट्रेड विज, फिर फ्री हब डॉटकाम से फेंजअप डॉट कॉम, इंटमार्ट डॉट कॉम और थ्री डब्ल्यू डॉट कॉम के नाम से यह कंपनी लोगों से धोखाधड़ी कर रही थी। कंपनी के दो सदस्यों ने फेस-3 थाने तथा सूरजपुर थाने में बुधवार और सोमवार को एफआईआर दर्ज कराई है।