सुलतानपुर। उत्तर-प्रदेश 2017 के चुनाव की तिथियां जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी मुकाबला दिलचस्प होता जा रहा है। जयसिंहपुर (सदर), विधानसभा सीट पर त्रिकोणीय लड़ाई होने की संम्भावना प्रबल होती नजर आ रही है। इस सीट पर जहां सपा का वर्चस्व कायम था वहीं आज फिसलता नजर आ रहा है। क्योंकि सपा और भाजपा ने भी पिछड़े वर्ग का प्रत्याशी खड़ा किया है तो वहीं बसपा ने ब्राहम्ण प्रत्याशी खड़ा कर दोनों के मंसूबो पर पानी फेरने का काम किया है। मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों की नींद हराम कर रखी है।

सदर विधानसभा में सपा, बसपा और भाजपा के बीच कांटे की लड़ाई बनी हुई है। मतदाताओं की चुप्पी प्रत्याशियों को कौंध रही है। जहां सपा कांग्रेस का गठबन्धन हुआ है वहीं बसपा, भाजपा अकेले दम पर संघर्ष कर रही है। चौकाने वाला पहलु यह है कि सपा का विधायक जहां बैवकर्ड जाति का है वहीं भाजपा ने भी बैकवर्ड जाति को टिकट देकर बसपा को वाकओवर देने का कार्य कर रही है। क्षेत्र में पिछड़े वर्ग के वोटरों का प्रतिशत 50 प्रतिशत से अधिक है। जिसमें वर्मा समुदाय के बाहुल्य बोला जाता है। ऐसे में सपा ने अरूण वर्मा
मौजूदा विधायक को टिकट दिया है। भाजपा ने रिटायर्ड आईएएस और पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रहे सीताराम वर्मा को टिकट देकर दोनों प्रत्याशी वर्मा होने का फायदा किस तरह से उठाते है ये तो चुनाव परिणाम आने के बाद देखने को मिलेगा। बसपा ने ब्राहम्ण समुदाय को अपने टिकट देकर मौके का फायदा लेने की फिराक में लगा हुआ है। बसपा ने राजबाबू उपाध्याय को टिकट दिया है। जिन्होंने वर्ष 2012 के चुनाव में अरूण वर्मा सपा विधायक से पराजित होकर दूसरे स्थान पर थे। इस बार वर्मा समुदाय के दो प्रत्याशी होने का
फायदा उठाने के लिए बसपा पार्टी ने कोई चूक नही छांड़ना चाहती है। अब देखना यह है कि वर्मा और ब्राहम्णों को छोड़कर अन्य जातियों के मतदाताओं की पसन्द कौन सा प्रत्याशी होगा। सपा प्रत्याशी के साथ यादव समुदाय के साथ वर्मा और मुस्लिम मिलकर के मतदान करते है तो सपा की विजय होना निश्चित होगा कहीं भाजपा प्रत्याशी सीताराम वर्मा अपने समुदाय का दिल जीतने में कामयाब रहे तो उनके साथ बनिया, लाला, क्षत्रिय, ब्राहम्ण और अन्य जातियों को मिलाकर चुनाव जीत सकते है। लेकिन वहीं बसपा प्रत्याशी
ब्राहम्ण और एससी के साथ मुस्लिम समुदाय की सहभागिता मिल गई तो यह सीट इस बार बसपा के खाते में जा सकती है।

सदर विधायक अरूण वर्मा पर लगे गैंग रेप आरोप को विपक्षी मुददा बनाने पर तुले है। आम मतदाता दबी जुबान में कह रहा है कि जब विधायक को नारी का सम्मान नही है तो वह उन्हे विधायक की कुर्सी पर क्यो बैठाए।