लखनऊ: पिछड़ा समाज महासभा के प्रदेश अध्यक्ष आर0पी0 निषाद ने कहा है कि 1925 के पूर्व से ही मुस्लिमों का दमन व उनके साथ नाइन्साफी की योजना बना दी गयी थी और यह षडयंत्र चितपावन ब्राम्हणों ने इसलिए ऐसा किया था कि हिन्दू मुस्लिम पैदा करके अबकी अपनी सत्ता को बनाये रखा जाये यदि चितपावन ब्राम्हण ऐसा न करता तो वह आज मुस्लिमो व दलितों से बदतर इनकी हालात होते क्योंकि इनकी आबादी बहुत ही कम है। और यह अपने जाति के बल पर एक भी सीट विधानसभा की नही जीत सकता। निषाद ने यह भी कहा चितपावन ब्राम्हण बहुत ही सातिर दिमाग के होते हैं उन्होने मुस्लिमो का ही नही दमन व उनके साथ नाइन्साफी की बल्की पिछड़ो व दलितों मे भी एक गहरी खायी पैदा की और उनमें भेदभाव बनाया ताकी देश के मूल निवासियों पर राज करते रहे और इस सातिस का आज तक मूल निवासी नही समझ पाए हैं आज भी मूल निवासी इनके गुलाम हैं। जब तक यह मूल निवासी चेतेंगे नही गुलाम ही बने रहेंगे। निषाद ने यह भी कहा कि जैसा कि इनके डी0एन0ए0 टेस्ट में यह साबित हो चुका है कि आर्य यानी विदेशी है फिर भी यह दलितों, पिछड़ों व मुस्लिम दलालों को लालच देकर अपने साथ खड़ा कर लेते हैं और यही दलाल देश के 90 प्रतिशत मूल निवासियों का शोषण कराते हैं। भारत में जितने भी दंगा फसाद जातिए हिंसा होती है इन्ही दलालो लोगों को आगे करके कराया जाता है और दोष भी इन्ही दलालों पर मढ़ा जाता है यह अपनी चतुराई से पाकसाफ बने रहते हैं। निषाद ने यह भी कहा कि अभी हाल में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि हिन्दू धर्म नहीं एक परम्परा है तो फिर हिन्दू धर्म कहा रहा यह तो केवल 03 प्रतिशत के लोगों ही जबर्दस्ती हिन्दू धर्म को पिछड़ो व दलितों पर थोप रहे हैं। जबकि पिछड़ा-पिछड़ा है, दलित-दलित है। केवल सत्ता में बने रहने का लगातार षडयंत्र किया जा रहा है और इस देश का मूल निवासी इस षडयंत्र का जबतक शिकार होता रहेगा उसे न तो सत्ता में भागीदारी मिलेगी और न ही राष्ट्रीय सम्पत्ति में। यह जो भी योजना बनाते हैं वह केवल अपने हितों के लिए। निषाद ने देश के मूल निवासियों से अपील की है कि वह चितपावन ब्राम्हणों के षडयंत्र से दूर रहकर पिछड़े, दलित एकजुट होकर इनके षडयंत्र को बेनकाब करें और देश में अपनी हिस्सेदारी लें व सत्ता पर काबिज होकर एक नए भारत का निर्माण करें जहां केवल भारतीय हों न जाति-पांति हो न भेदभाव हो सभी को उनका अधिकार मिले तभी हमारा देश खुशहाल व तरक्की कर पाएगा। अगर ऐसा हुआ तो भारत दुनिया के देशों पर राज करेगा। निषाद ने सभी मूल निवासियों से अपील की है कि इस विचार धारा को आगे बढ़ाए और 10 वर्षो में भारत को बदला जा सके।