सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व कैग को बनाया बीसीसीआई का प्रशासक
रामचंद्र गुहा व पूर्व क्रिकेटर डायना भी शामिल
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व महालेखानिरीक्षक (कैग) विनोद राय को बीसीसीआई का प्रशासन समिति का मुखिया बनाया है। इस समिति में इतिहासकार रामचंद्र गुहा, आईडीएफसी बैंक के विक्रम लिमये और भारतीय महिला क्रिकेट टीम की पूर्व कप्तान डायना एदुलजी को शामिल किया है। यह समिति बीसीसीआई का रोजमर्रा का काम देखेगा। सुप्रीम कोर्ट ने खेल मंत्रालय के सचिव को इस कमिटी में शामिल करने की केंद्र सरकार की मांग को ठुकरा दिया। वहीं आईसीसी में भारतीय बोर्ड का प्रतिनिधित्व करने के लिए विक्रम लिमये और बीसीसीआई के ज्वॉइंट सचिव अमिताभ चौधरी को नियुक्त किया है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति की सिफारिशें ना मानने पर अनुराग ठाकुर को अध्यक्ष पद और अजय शिर्के को सचिव पद से हटा दिया था। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही ठाकुर के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू करने का भी फैसला किया। उनसे जवाब मांगा गया कि बीसीसीआई में सुधार लागू करने के अदालत के निर्देशों के क्रियान्वयन में बाधा पहुंचाने के लिये आखिर क्यों न उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर की अगुवाई वाली पीठ ने उस समय कहा था कि बीसीसीआई के कामकाज को प्रशासकों की एक समिति देखेगी और उसने वरिष्ठ अधिवक्ता फाली एस नरिमन और इस मामले में न्यायमित्र के रूप में सहायता कर रहे गोपाल सुब्रहमण्यम से प्रशासकों की समिति में ईमानदार व्यक्तियों को सदस्यों के रूप में नामित करने में अदालत की मदद करने का आग्रह किया।
लोढ़ा पैनल की सिफारिशों के अनुसार 70 साल से अधिक उम्र का कोई भी व्यक्ति, मानसिक तौर पर असंतुलित कोई व्यक्ति, मंत्री, सरकारी कर्मचारी, दोषी ठहराया जा चुका कोई व्यक्ति, नौ साल की संचित अवधि तक पद पर रह चुका व्यक्ति या फिर किसी अन्य खेल संघ से जुड़ा कोई व्यक्ति क्रिकेट संस्था का पदाधिकारी बनने के योग्य नहीं होगा। बीसीसीआई ने इन्हें मानने से इनकार कर दिया था।