बॅडमिंटन के महारथियों ने किया रक्त का दान
लखनऊ। बाबू बनारसी दास यूपी बैडमिंटन अकादमी में आज एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। रक्तदान शिविर में इस समय राजधानी में चल रही सैयद मोदी इंटरनेशनल ग्रांपी गोल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में हिस्सा लेने आए अंपायरों, रेफरियों व आयोजन से जुड़े अन्य लोगों ने पूरे उत्साह से भाग लेकर रक्तदान किया। वहीं देश के सर्वश्रेष्ठ बैडमिंटन कोचों में शुमार राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने भी रक्तदान करके किसी की जान बचाने का संदेश दिया।
भारतीय बैडमिंटन संघ द्वारा यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन व रेडक्रास सोसायटी के सहयोग से आयोजित इस रक्तदान शिविर के बारे मेें अपनी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष डा.अखिलेश दास गुप्ता ने कहा कि जरूरी नहीं कि किसी की जान बचाने के लिए आप डाक्टर बने, आप रक्तदान करके भी किसी के जीवन बचाने में अमूल्य योगदान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि खेल के जरिए लोगों की जान बचाने का संदेश देने के लिए बैडमिंटन फैटरनिटी के इस कदम को और आगे बढ़ाना चाहिए।
वहीं बैडमिंटन परिवार के इस कदम की सराहना करते हुए नेशनल बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा कि भारतीय बैडमिंटन संघ की यह सोच काबिले तारीफ है तथा इससे लोगों की जान बचाने में मदद मिलती है। भारतीय बैडमिंटन संघ के अध्यक्ष डा.अखिलेश दास गुप्ता इस पहल के लिए बधाई के पात्र है तथा अन्य खेल संघों को भी इस अनूठी पहल का अनुकरण करना चाहिए जिससे समाज में एक पाजिटिव संदेश जाएगा।
दूसरी ओर ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु, चाइना ओपन चैंपियन के.श्रीकांत, ओलंपियन अष्विनी पोनप्पा, ओलंपियन मनु अत्री सहित अन्य खिलाड़ियों ने भी इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि यह काफी बेहतर कदम है तथा ऐसे अन्य शिविरों का भी आयोजन होना चाहिए।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए भारतीय बैडमिंटन एसोसिएशन की संयुक्त सचिव अलकनंदा अशोक, यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के सचिव अरूण कक्कड़, यूपी बैडमिंटन एसोसिएशन के कोषाध्यक्ष सुधर्मा सिंह, अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन रेफरी गौरव खन्ना व पूर्व बैडमिंटन खिलाड़ी रामकुमार सिंह ने पूरा योगदान दिया।
यह रक्तदान शिविर किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के सहयोग से आयोजित हुआ जिसमें ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष डा.तूलिका चंद्रा के नेतृत्व में छह व यूपी रेडक्रास सोसायटी की स्टेट कोआर्डिनेटर प्राची भटनागर के नेतृत्व में 10 लोगों की एक टीम लगी थी।
रक्तदान शिविर के आयोजन के लिए ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग की हाईटेक बस भी आई थी जिसमें ब्लड डोनेशन के साथ खून के हर तरह के परीक्षण की भी सुविधा उपलब्ध थी।
रक्तदान के बारे में कुछ तथ्यः कोई भी स्वस्थ व्यक्ति तीन महीने में एक बार रक्तदान कर सकता है। इसमें 18 से 65 साल का कोई भी स्वस्थ व्यक्ति जिसका वजन 50 किग्रा सेे ज्यादा हो, हीमोगलोबिन का स्तर सही हो रक्तदान कर सकता है। एक बार खून देने में महज 5 से 10 मिनट का समय लगता है तथा एक बार में सामान्यतया 350 मिली.खून लिया जाता है। खून देने के तुरंत बाद ही नई लाल कोशिकाएं बनने से खून में स्फूर्ति आती है। इसके साथ ही हृदय रोग में पांच प्रतिशत की कमी होती है तथा अस्थिमज्जा लगातार क्रियाशील रहती है। वहीं एक यूनिट खून से कई प्रकार के ब्लड कंपोनेंट बनाकर कई तरह के मरीजों को नई जिंदगी दी जा सकती है।