मोदी जी कहाँ रह गए अच्छे दिन: अखिलेश
सुल्तानपुर से मुख्यमंत्री ने शुरू किया चुनावी अभियान
आसिफ बेग
सुल्तानपुर: पहली चुनावी जनसभा में मंगलवार को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा व केन्द्र सरकार को जमकर घेरा। 29 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने नोटबंदी के बाद जनता को होने वाली परेशानियों का बार-बार जिक्र कर लोगों की हमदर्दी बंटोरने की कोशिश की। यूपी सीएम ने कहा कि जनता ने इस बार मान लिया है कि इस बार अगर कोई जीतेगा तो साइकिलवाला ही चुनाव जीतेगा।
उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि एक नारा दे दिया अच्छे दिन का और लोगों ने भरोसा कर लिया। उन्होंने पूछा कि बताओ अच्छे दिन कहां हैं? जब इनका (केंद्र) का बजट आएगा तो उसमें भी सपा के कई कामों की नकल होगी। उन्होंने कहा, 'मैं सबसे निवेदन और अपील करने आया हूं कि जो हमने पिछले चुनावों में जो वादे किए थे, उन्हें पूरा किया है।'
वहीं भाजपा के अलावा अन्य किसी विरोधी दल का नाम तक नहीं लिया। मंच से कांग्रेस के गठबंधन की बात स्वीकार की और भाषण के दौरान पिछले कुछ दिनों में पार्टी की अंतर्कलह को लोगों के लिए संघर्ष की संज्ञा देकर सब कुछ ठीक-ठाक होने का एहसास भी दिलाया।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव सुलतानपुर जिले की सदर विधानसभा क्षेत्र के शाहपुर में चुनावी जनसभा में बोल रहे थे। मंच पर चढ़ते ही भीड़ देख कर अखिलेश बोले, जब पांचवें चरण की चुनावी जनसभा में यह तापमान है तो आप सोचिए जहां पहले चरण का चुनाव है वहां क्या हालत होगी।
उन्होंने प्रदेश में सपा की सरकार बनाने का दावा किया। पिछले सारे वादों को पूरा करने की बात करते हुए इस बार के घोषणा पत्र को शत-प्रतिशत लागू करने का भरोसा दिया। उन्होंने कहा कि आपने पिछले विधानसभा चुनाव में सपा की सरकार बनाई, हमने काम करके दिखाया। आपने लोकसभा में भाजपा की सरकार बनवा दी। उन्होंने जनता को झाड़ू पकड़ा दिया और योग सिखा रहे हैं।
गिनाई घोषणा पत्र की खूबियां
सदर विधान सभा की रैली में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घोषणा पत्र की उपलब्धिया बताई। उन्होंने कहा कि उनके घोषणा पत्र सभी का ध्यान रखा गया है। सबसे बड़ी बात यह है कि वह 24 घंटे बिजली देने का वादा कर रहे है।
अपने विधायक की लिया चुटकी
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधायक अरुण वर्मा क़ी चुटकी लिया। बोले कि अगर विधायक न बने होते तो अरुण वर्मा की शादी न होती। इस पर भीड़ ठहाके लगाने से नही रोक पाई।