पानी किसानी और जवानी बचाने के लिए लोक संवाद सम्मेलन कल
यूपी विधानसभा चुनावों में जलपुरुष राजेंद्र सिंह खड़े करेंगे पर्यावरण से जुड़े सवाल
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में जल जंगल और जमीन के मुद्दों को केंद्र में लाने के लिए प्रदेश भर के स्वैच्छिक संगठन मंगलवार को राजधानी में जुटेंगे। जलपुरुष राजेंद्र सिंह की अध्यक्षता में हो रहे स्वैच्छिक संगठनों के लोक संवाद कार्यक्रम मेंस्वास्थ शिक्षा जैसे राष्ट्रीय-नदी, ताल, पाल, झाल के संकट मुक्ति वाले सवालो के साथ-साथ स्थानीय सडक, बिजली, आवास आदि विषयों पर राजनैतिक दलों व उम्मीदवारों की राय जानने व चुनने की रणनीति तय की जाएगी।
लोक संवाद कार्यक्रम के बारे में बताते हुए जल-जन जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक संजय सिंह ने कहा कि स्वैच्छिक संगठन लोगों से अपील करेंगे कि खेती, जवानी, पानी बचाने के कार्यो में जुडने वाले उम्मीदवारों को ही अपना मताधिकार दे। साथ ही तालाबों, झीलों, नदियों को प्रदूषण अतिक्रमण और भूजल शोषण रोकने का संकल्प पाकर जंगल, जंगली जीव बचाने, हरियाली बढाने वाले जलवायु परिवर्तन अनिकूलन में काम करके बाढ-सूखाड में काम करने वाले प्रतिनिधियों को विधान सभा में चुनने का संकल्प ले।
संजय सिंह ने कहा क प्रत्येक गांव की खेती और पानी के मुददे अलग-अलग होते है। सामुदायिक जलाधिकार जो देने का वायदा राजनैतिक दल करें, इससे पूरे प्रदेश में वातावरण का सजृन हो। प्रदेश में पेयजल,स्वच्छता के लिए साझा काम करने के अवसर प्रदान करे। ऐसे ही लोगों को अपना नेतृत्व प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि नदियों का प्रदेश उत्तर प्रदेश अब गन्दे नालों को प्रदेश बन गया है। इस प्रदेश में नदियो को नाले बनाने का काम सरकार,समाज ने किया है। इसके लिए आवश्यक है कि प्रदेश को जल साक्षर बनाने का काम किया जाये, जो जलसाक्षर बनाने का संकल्प लेता हो उसे जरूर विधानसभा भेजे।
जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने बताया कि यह देखना जरुरी है कि कौन सा राजनैतिक दल यहां की नदियां, झील, तालाब, पोखर, को अतिक्रमण,प्रदूषण, शोषण मुक्त बनाने की बाते अपने घोषणा पत्र में उठा रहा है। कौन सा उम्मीदवार जवानी, पानी किसानी, को अपने विधानसभा क्षेत्र में संरक्षण और प्रबन्धन करने में जुटा है। किसने हरियाली बढाई नदी को शुद्ध सदानीर बनाने का काम किया है। गोबर की खाद अपना बीज गांव में ही बनाने का काम किया है। युवाओं को गांव में काम मिले इस दिशा में क्या सोच हैं। राजनैतिक दलों और उम्मीदावारों से चुनाव के दिनों में सवाल पूछना बहुत जरूरी हैं वह चुनाव के समय ही वोट मांगने आते है। जब वह मांगने आये है तभी उनसे सवाल पूछना अच्छा है। अब लोगों से उनके समर्थन की जरूरत है। समर्थन देने से पहले अपनी मांगे उम्मीदवार को बताना और उस पर उनका भी समर्थन भी पाना जरूरी है।