जल्लीकट्टू खेल को मिली हरी झंडी
तमिलनाडु सरकार का अध्यादेश राष्ट्रपति के पास भेजेगी मोदी सरकार
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जलीकट्टू पर बड़ा फैसला दिया है। केंद्रीय कानून और पर्यावरण मंत्रालय ने जलीकट्टू पर लाए गए तमिलनाडु सरकार के अध्यादेश को हरी झंडी दे दी है। अब सरकार इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजेगी।
बता दें, शुक्रवार सुबह ही अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने केन्द्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष मामले का जिक्र किया। उन्होंने न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि तमिलनाडु के लोग जल्लीकट्टू को लेकर बहुत संजीदा हैं। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पन्नीरसेल्वम ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की थी और जल्लीकट्टू आयोजित करने के लिए अध्यादेश लाने का आग्रह किया था।
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जलीकट्टू तमिलनाडु का चार सौ वर्ष से भी पुराना पारंपरिक खेल है, जो फसलों की कटाई के अवसर पर पोंगल के समय आयोजित किया जाता है। इसमें 300-400 किलो के सांड़ों की सींगों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं और फिर उन्हें भड़काकर भीड़ में छोड़ दिया जाता है, ताकि लोग सींगों से पकड़कर उन्हें काबू में करें। सांड़ों को भड़काने के लिए उन्हें शराब पिलाने से लेकर उनकी आंखों में मिर्च डाला जाता है और उनकी पूंछों को मरोड़ा तक जाता है, ताकि वे तेज दौड़ सकें।
कहा जाता है कि जल्ली/सल्ली का अर्थ ही होता है 'सिक्का' और कट्टू का 'बांधा हुआ। सांडों के सींग में कपड़ा बंधा होता है जिसे खिलाड़ी को पुरस्कार राशि पाने के लिए निकालना होता है।