पेट्रोलियम उत्पाद के ज्यादा से ज्यादा संरक्षण की जरूरत है: राज्यपाल
लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में पेट्रोलियम संरक्षण अनुसंधान एसोसिएशन, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तत्वाधान में एक माह तक चलने वाले ‘सरंक्षण क्षमता महोत्सव 2017’ का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर स्कूली बच्चे, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, इण्डियन आयल, भारत पेट्रोलियम, और गेल (इण्डिया) लिमिटेड के अधिकारीगण, उनके डीलर्स और वितरकगण उपस्थित थे। महोत्सव की थीम ‘ईंधन संरक्षण की जिम्मेदारी, जनगण की भागीदारी’ थी। राज्यपाल ने इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संरक्षण की दृष्टि से प्रतिज्ञा भी दिलायी तथा झण्डा दिखाकर रैली का शुभारम्भ किया।
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘मुझे पेट्रोलियम परिवार के कार्यक्रम में आकर अत्यन्त प्रसन्नता हुयी। कार्यक्रम में आकर मुझे वही प्रसन्नता मिली है जैसे किसी को मायके आने पर होती है। जिस गति से पेट्रोलियम पदार्थों की खपत हो रही है उसी तरह पेट्रोलियम उत्पाद के ज्यादा से ज्यादा संरक्षण की जरूरत है। एक बूंद में भी महासागर जैसा तत्व होता है इसलिये बूंद-बूंद से बड़ी बचत हो सकती है। जैसे सेना के सिपाही देश का बचाव करते हैं उसी तरह प्राकृतिक गैस एवं पेट्रोलियम उत्पाद की बचत में जनता सहभागी बने।’’ देश में जिस गति से उपयोग और जनसंख्या बढ़ी है उत्पादन नहीं बढ़ा है। उन्होंने कहा कि यह विचार करने की आवश्यकता है कि स्वदेश में उत्पादन बढे़ और उपयोग को कम न करते हुये पेट्रोल की बचत कैसे हो।
श्री नाईक ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय का पेट्रोल में ईथनाल मिलाने का निर्णय स्वागत योग्य है। यह प्रसन्नता की बात है कि देश में पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत ईथनाल का प्रयोग उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा किया जा रहा है। ब्राजील में 25 से 30 प्रतिशत ईथनाल तेल में मिलाया जाता है। उन्होंने बताया कि जब वे पेट्रोलियम मंत्रालय के मंत्री थे तो उनके कार्यकाल में 70 प्रतिशत तेल आयात होता था और 30 प्रतिशत तेल देश में निर्मित होता था। अपने पेट्रोलियम मंत्री के कार्यकाल में उन्होंने पेट्रोल में 5 प्रतिशत इथनाल मिलाने का अभिनव प्रयोग किया था जिससे देश के गन्ना किसानों को भी लाभ हुआ और आयात करने में देश का पैसा भी बचता था। उन्होंने कहा कि शीरे को अक्षय ऊर्जा के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।
राज्यपाल ने कहा कि जमीन से निकलने वाले कच्चे तेल, गैस आदि के संसाधन सीमित होते हैं। ऐसे सीमित प्राकृतिक संसाधनों का प्रयोग संयम से करने की जरूरत है। अपव्यय रोकने के लिए तेल व पेट्रोलियम बचत के प्रति जनता में जागरूकता लाने के लिये उचित प्रचार-प्रसार आवश्यक है। छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देकर देश के करोड़ों रूपये बचाये जा सकते हैं, जिससे देश को लाभ होगा। वाहनों में उपयोग होने वाले पेट्रोल व डीजल में भी जागरूकता के माध्यम से बचत की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वाहनों से निकलने वाला धुंआ प्रदूषण का मुख्य कारण है।
श्री नाईक ने कहा कि प्रदेश में विधान सभा के चुनाव होने वाले हैं। मतदान संविधान द्वारा दिया गया महत्वपूर्ण अधिकार है जिसका प्रयोग हर मतदाता को करना चाहिए। मताधिकार का प्रयोग कर शत-प्रतिशत मतदान सुनिश्चित करें तथा उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने में सहयोग करें। वर्ष 2012 के विधान सभा चुनाव में प्रदेश में 12.74 करोड़ मतदाता थे जिसमें केवल 59.52 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया तथा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में 13.88 करोड मतदाताओं में केवल 58.27 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया जिसका मतलब यह है कि करीब 40 प्रतिशत मतदाताओं ने मतदान नहीं किया। निर्वाचन आयोग द्वारा जारी नयी मतदाता सूची के अनुसार 2017 के विधान सभा चुनाव में 14.13 करोड़ मतदाता हैं, जिनमें 24.53 लाख नये मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
श्री अविनाश वर्मा, राज्य स्तरीय संयोजक ने विभाग द्वारा जनता को उपलब्ध करायी जाने वाली सुविधाओं के बारे में बताया तथा राज्यपाल के पेट्रोलियम मंत्री रहते हुये लिये गये निर्णयों की सराहना भी की। इस अवसर पर राज्यपाल ने मार्डन पुलिस स्कूल पुलिस लाईन तथा पुलिस मार्डन स्कूल गोमती नगर की प्रधानाचार्या सुश्री सैय्यदा रिज़वी व सुश्री सरिता तिवारी को संरक्षण, क्षमता महारैली में भाग लेने के लिये स्मृति चिन्ह प्रदान किया। कार्यक्रम में नुक्कड नाटक मण्डली द्वारा एक प्रस्तुति भी दी गयी, जिसमें पेट्रोल, डीजल व ऊर्जा बचत का संदेश था।