एमिटी विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय अर्तराष्ट्रीय सूचना सुरक्षा सम्मेलन का समापन

लखनऊ: इंटरनेट और साइबर संसार को सुरक्षित और बेहतर बनाने के संकल्प के साथ एमिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, एमिटी विवि., लखनऊ परिसर और हैकर्स डे, लखनऊ चैप्टर के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय अंर्तराष्ट्रीय सूचना सुरक्षा सम्मेलन का आज समापन हो गया।

सम्मेलन में जुटे देश विदेश के सूचना तकनीकि और साइबर विषेशज्ञ भले ही अपने-अपने क्षेत्रों को और अधिक उन्नत बनाने हेतु वापस हो गए पर जाते जाते हर किसी के पास सूचना तकनीकि को और सुरक्षित बनाने का रोडमैप तैयार था।

सम्मेलन के दूसरे दिन चेल्याबिंस्क विश्विद्यालय, रुस की सह प्रवक्ता और नेटवर्क सुरक्षा विशेषज्ञ ऐलेना फेल्डमैन ने तकनीकि सत्र के दौरान सम्मेलन को संबोधित किया। उन्होने सुरक्षित नेटवर्क तैयार करने के दौरान अत्याधुनिक सुरक्षा तकनीकों के बारे में चर्चा करते हुए पीसी ट्रोजन और एंड्रायड ट्रोजन से उपकरणों की सुरक्षा के बारे में बताया।

आईआईटी कानपुर के करन बंसल ने किसी भी डिवाइस में पड़े पासवर्ड की सुरक्षा दीवार को भेदने के तरीकों पर चर्चा करते हुए कहा कि, बिना चोरी करने के तरीकों को जाने हम चोरों से अपनी सुरक्षा नहीं कर सकते इसीलिए विभिन्न हैकिंग आक्रमणों से सुरक्षा के लिए एथिकल हैकरों को तैयार किया जाता है।

साइबर विषेशज्ञ निलय मिस्त्री ने डिजिटल फोरेंसिक पर अपना वयख्यान दिया और बताया कि साइबर अपराधियों की धरपकड़ और अपराधों की जांच पड़ताल के लिए साइबर फोरेंसिक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। वहीं वेब सुरक्षा पर शोध कर रहे कम्प्यूटर प्रोग्रामर अजय कुमार ने डीप वेब, डार्क वेब और सरफेस वेब के बारे में बताया इसके अलावा उन्होने स्पैमर और हैकरों के काम करने के औजारों और तरीकों पर भी चर्चा की।
सममेलन के दूसरे दिन कई तकनीकि सत्रों का आयोजन किया गया। इन सत्रों में साइबर क्राइम एवं साइबर लॉ शोध केन्द्र के निदेशक डॉ. अमर प्रसाद रेड्डी और अध्यक्ष अनुज अग्रवाल, ए.एण्ड आर इनफो सेक्योरिटी सोल्यूसन के निदेशक डॉ. रक्षित टंडन, प्रेस्टाइन इनफो सोल्यूसन के संस्थापक रिजवान शेख, साइबर सुरक्षा सलाहकार विस्मित सुधीर रखेचा, आईटी विषेशज्ञ राईम उपाध्याय, साइबर सुरक्षा सलाहकार मनोज चौधरी और साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ निपुन जयसवाल आदि ने भी अपने वक्तव्य सम्मेलन में रखे।