सुल्तानपुर। आदर्श आचार सहिंता के उल्लंघन्न मामले में लम्भुआ विधायक संतोष पांडेय के बाद कादीपुर विधायक रामचंदर चैधरी और जयसिंहपुर विधायक अरूण वर्मा के खिलाफ जिला प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया है। दोनो विधायक अपने-अपने क्षेत्र में शिलापट लगवा रहे थे। शिलापट लगाने वालों को उड़नदस्ते की टीम ने दबोच लिया।

आचार सहिंता लगने के बाद जो बिधायक अपने 5 वर्ष के कार्यकाल में कुछ न कर सके वो चुनाव आते ही जनता को गुमराह करने के लिए अपने नाम की शिलापट जगह जगह लगवा कर अपने नाकामी कोे छुपाने का कार्य कर रहे है। पाण्डेय बाबा बाजार के पास अरुण वर्मा के नाम व पद का शिलापट लगाते हुए उपजिलाधिकारी मोती लाल सिंह ने मजदूरों को पकड़ लिया। जिस पर अरुण वर्मा के विरुद्ध कोतवाली कादीपुर में आचार सहिंता के उलन्घन का अभियोग उपजिलाधिकारी ने दर्ज कराया। दूसरी तरफ मुडिला बाजार के पास कादीपुर विधायक राम चन्द्र चैधरी का शिलापट लगाते हुए उड़न दस्ते ने पकड़ लिया। लेकिन उड़न दस्ते ने विधायक राम चन्द्र चैधरी के खिलाफ मुकदमा न लिखाकर शिलापट लगा रहे 4 मजदूरों के बिरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है। जो लोगो में चर्चा का विषय बना हुआ है।

क्या कहते है एसडीएम

उपजिलाधिकारी मोतीलाल सिंह से बात की गयी तो उन्होंने कहा कि शिलापट जो लगा रहा था उसके बिरुद्ध ही अभियोग बनता है। वही जब यह पूछताछ की जाने लगी कि शिलापट कहा है तो उन्होंने कहा की उसको तोड़ कर नष्ट कर दिया गया है। इससे यह साबित हो रहा है की उपजिलाधिकारी विधायक राम चन्द्र चैधरी को बचाने का प्रयास कर रहे है। इसलिए उन्होंने सबूत मिटा दिया। प्रश्न यह है की जब सबूत ही नही तो उन 4 मजदूरो का क्या दोष जो बलि का बकरा बनाये जा रहे है। इस पूरे प्रकरण पर जब बिधायक राम चन्द्र से दूरभाष पर जानकारी ली गयी तो उन्होंने कहा की मेरे विरोधी मेरे नाम का शिलापट लगवा कर मुझे फसाने की साजिश कर रहे है।