गांधीनगर: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर उर्जित पटेल नोटबंदी के मुद्दे पर सवाल करने के इंतजार में बैठी पत्रकारों की टीम से बचकर पिछले गेट से निकल गए. उर्जित पटेल महात्मा मंदिर पहुंचे थे. यह वही स्थान है जहां आठवां वाइब्रेंट गुजरात समिट चल रहा है. इसका मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया था.

पिंट्र और इलेक्ट्रानिक मीडिया के संवाददाताओं का एक बड़ा दल वहां जुटा था जो पहले तल पर पटेल के बाहर निकलने का इंतजार कर रहा था. इससे सतर्क पटेल मीडिया को गच्चा देकर पिछले दरवाजे से निकल लिए. न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, जब संवाददाता उनके पीछे सीढ़ियों पर दौड़े तो उन्होंने वास्तव में दौड़ना शुरू कर दिया. आरबीआई के गवर्नर अपनी कार तक पहुंचने के लिए एक बार में एक सीढ़ी से ज्यादा कूदने लगे और उनकी कार उनके बैठते ही तेजी से निकल ली.

बता दें कि उर्जित पटेल ने वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट को संबोधित करते हुए कहा कि स्थिर वृहद आर्थिक स्थिति के लिए भारत को ‘बेहतर नीतियों पर’ चलने की जरूरत है. पटेल ने यह सुनिश्चित करने को कहा कि मध्यम अवधि में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति लक्ष्य को चार प्रतिशत पर लाने को सुनिश्चित किया जाए. इसी के साथ उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक मौद्रिक नीति लाभ को त्वरित तरीके से आगे पहुंचाने के प्रयास करता रहेगा. साथ ही केंद्रीय बैंक चाहता है कि सरकार बैंकिंग प्रणाली में पर्याप्त पूंजी डाले.

पटेल ने कहा कि पिछले कुछ साल के दौरान वृहद आर्थिक स्थिरता का जो माहौल बना है उसे गंवाया नहीं जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार का कर्ज से जीडीपी का अनुपात देश की सॉवरेन रेटिंग को प्रभावित कर रहा है. केंद्र और राज्य सरकारों का संयुक्त राजकोषीय घाटा जी-20 के देशों में सबसे अधिक है. रिजर्व बैंक के गवर्नर का यह बयान वित्त वर्ष 2017-18 के आम बजट से करीब तीन सप्ताह पहले आया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बजट पेश करेंगे. चालू वित्त वर्ष के लिए केंद्र और राज्यों के संयुक्त राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 6.4 प्रतिशत रखा गया है.