लखनऊ: समाजवादी चिन्तक, समाजवादी चिन्तन सभा के अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी के सचिव व प्रवक्ता दीपक मिश्र ने कहा कि पुलिस द्वारा मेरे जैसे प्रतिबद्ध समाजवादी एवं रघुनन्दन सिंह “काका“ व चौधरी रक्षपाल सिंह सदृश लोक रक्षक सेनानी को समाजवादी पार्टी के दफ्तर में प्रवेश करने से रोकना समाजवादी मूल्यों, लोकतान्त्रिक तकाजों एवं वफादारी का अपमान है। लोकजीवन में पुलिस एवं गुण्डों का प्रयोग दुःखद एवं दुर्भाग्यपूर्ण है। हमने हजारों गोष्ठियां एवं कार्यक्रम समाजवाद तथा समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में किया है। हजारों रातें बसों एवं जेलों में बिताया है ताकि समाजवादी पार्टी की सरकार बने और मायावती को हटाकर सरकार बनाई। बदले में सरकार से कभी कोई लाभ नहीं लिया। सम्मान की जगह इस तरह अपमानजनक तरीके रोकना उचित नहीं है।

अखिलेश जी लोकतंत्र एवं समाजवादी में गहरी आस्था रखते हैं। वे ऐसा कुकृत्य करने को निर्देश नहीं दे सकते। जिसने पुलिस को लोक समाजवादियों को अपमानित करने का निर्देश दिया है वह समाजवाद एवं सेकुलरिज्म का शत्रु है।

नेताजी मुलायम सिंह यादव की हैसियत पर सवाल खड़ा करने वाले श्री किरनमय नंदा ने नेताजी के लिए अपमानजनक भावभंगिमा में आपत्तिजनक बयान दिया है। श्री नंदा के साथ खड़े लोग कृतघ्न हैं। इससे ज्यादा हास्यास्यद एवं रूदनात्मक बात और कुछ नहीं हो सकती कि राजनीति को व्यवसाय बनाने वाले दल बदल के प्रतीक नरेश अग्रवाल जी जैसे लोग समाजवादियों को समाजवाद की सीख दे रहे हैं। यदि ऐसी घटनाओं को नहीं रोका गया तो सोशलिस्ट और सेकुलर मूवमेंट को भारी नुकसान पहुंचेगा। गुनहगार लोगों को इतिहास माफ नहीं करेगा।