नोटबंदी पर PAC ने उर्जित पटेल से मांगी सफ़ाई
पूछा- क्यों न उन पर ”शक्तियों के दुरुपयोग करने का मुकदमा चले
नई दिल्ली : लोक लेखा समिति (PAC) ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर उर्जित पटेल को 28 जनवरी को अपने समक्ष पेश होने के लिए तलब किया था। वरिष्ठ कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अगुवाई वाली समिति ने पटेल से नोटबंदी के मुद्दे पर 10 सवाल पूछे हैं। फैसला लेने में केंद्रीय बैंक की भूमिका, अर्थव्यवस्था पर प्रभाव और आरबीआई गवर्नर के रेगुलेशंस में पिछले दो महीनों में आए बदलाव पर पटेल से जानकारी मांगी गई है। 30 दिसंबर को भेजे गए ये सवाल जिसमें संसदीय समिति ने आरबीआई गवर्नर से पूछा है कि अगर नकदी निकालने पर पाबंदी लगाने को लेकर कोई कानून नहीं है तो उन पर ”शक्तियों का दुरुपयोग करने के लिए” मुकदमा क्यों न चले और उन्हें हटाया क्यों न जाए। पीएसी ने यह भी जानना चाहा है कि कितनी नकदी पर प्रतिबंध लगा था और उसमें से कितनी बैंकिंग व्यवस्था में लौट आई है। समिति ने पटेल से जिन सवालों के जवाब जानने मांगे हैं, वे इस प्रकार हैं:
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सदन में कहा है कि नोटबंदी का फैसला आरबीआई और इसके बोर्ड द्वारा लिया गया था। सरकार ने सिर्फ सलाह पर कार्रवाई की। क्या आप सहमत हैं?
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अगर फैसला आरबीआई का ही था, तो आखिर कब आरबीआई ने तय किया कि नोटबंदी ही भारत के हित में हैं?
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रातोरात 500 और 1,000 रुपए के नोट बंद करने के पीछे आरबीआई ने क्या कारण पाए?
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आरबीआई के अपने अनुमान दिखाते हैं कि भारत में सिर्फ 500 करोड़ रुपए की नकली/जाली करंसी है। जीडीपी के मुकाबले भारत में कैश 12 फीसदी था जो कि जापान (18%) और स्विट्जरलैंड (13%) से कम है। भारत में मौजूद नकदी में उच्च मूल्य के नोटों का हिस्सा 86% था, लेकिन चीन में 90% और अमेरिका में 81% है। तो, अचानक ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी थी कि आरबीआई को विमुद्रीकरण का फैसला लेना पड़ा?
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8 नवंबर को होने वाली आपातकालीन बैठक के लिए आरबीआई बोर्ड सदस्यों को कब नोटिस भेजा गया था? उनमें से कौन इस बैठक में आया? कितनी देर यह बैठक चली? और बैठक का ब्योरा कहां है?
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नोटबंदी की सिफारिश करते हुए कैबिनेट को भेजे गए नोट में, क्या आरबीआई ने साफ-साफ लिखा था कि इस फैसले का मतलब देश की 86 प्रतिशत नकदी को अवैध करना होगा? आरबीआई उतनी ही नकदी कब तक व्यवस्था में लौट सकेगी?
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सेक्शन 3 c(v) के तहत 8 नवंबर, 2016 को आरबीआई की अधिसूचना द्वारा बैंक खातों से काउंटर के जरिए 10,000 रुपए प्रतिदिन और 20,000 रुपए प्रति सप्ताह निकासी की सीमा तय कर दी गई। एटीएम में भी 2,000 रुपए प्रति दिन निकासी की सीमा लगाई गई। किस कानून और आरबीआई को मिली शक्तियों के तहत लोगों पर अपनी ही नकदी निकालने पर सीमा तय की गई? देश में करंसी नोटों की सीमा तय करने की ताकत आरबीआई को किसने दी? अगर ऐसा कोई नियम आप न बता सकें, तो क्यों न आप पर मुकदमा चलाया जाए और शक्तियों का दुरुपयोग करने के लिए पद से हटा दिया जाए?
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पिछले दो महीनों से आरबीआई के रेगुलेशंस में बार-बार बदलाव क्यों हुए? कृपया हमें उस आरबीआई अधिकारी का नाम बताएं जिसे निकासी के लिए लोगों पर स्याही लगाने का विचार आया? शादी से जुड़ी निकासी वाली अधिसूचना किसने तैयार की थी? अगर यह सब आरबीआई ने नहीं, सरकार ने किया था तो क्या अब आरबीआई वित्त मंत्रालय का एक विभाग है?
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कितने नोट बंद किए गए और पुरानी करंसी में से कितना वापस जमा किया जा चुका है? जब 8 नवंबर को आरबीआई ने सरकार को नोटबंदी की सलाह दी तो कितने नोटों के वापस लौटने की संभावना थी?
- आरबीआई ने आरटीआई के तहत जानकारी देने से मना क्यों किया है, वह भी निजी चोट का डर जैसा कारण बताकर? आरटीआई के तहत मांगी जाने वाली जानकारी देने को आरबीआई क्यों नहीं दे रहा?