न्यूजीलैण्ड में कुसुम वर्मा को मिले तीन अंतर्राष्ट्रीय सम्मान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की लोकगायिका कुसुम वर्मा को न्यूजीलैण्ड के ऑकलैण्ड, हेमिल्टन एवं रोटोरूआ में तीन अंतर्राष्ट्रीय सम्मान ’गोपिओ इन्टरनेशनल पीस एण्ड हारमोनी अवार्ड’, ’परिकल्पना सार्क सम्मान’, ’भारतीय विद्या भवन नयूजीलैण्ड सद्भावना सम्मान’से सम्मानित किया गया।
इण्डिया एक्सीलेल्स एवार्ड, गोस्वामी तुलसीदास सम्मान, अवध रत्न सम्मान, यूथ आइकॉन अवार्ड, सुशीला देवी सम्मान, सुर सरस्वती जैसे अन्य सम्मानों से सुशोभित कुसुम वर्मा को न्यूजीलैण्ड(ऑकलैण्ड, हेमिल्टन, रोटोरूआ) में परिकल्पना द्वारा आयोजित सातवें इण्टरनेशनल ब्लागर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में ‘परिकल्पना सार्क सम्मान’ से सम्मानित किया गया।
इसी प्रकार सुश्री कुसुम वर्मा को ऑकलैण्ड एवं हेमिल्टन में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में वैष्विक स्तर पर हिन्दी की सेवा करने के लिए ’भारतीय विद्या भवन न्यूजीलैण्ड सद्भावना सम्मान’ और रोटोरूआ में आयोजित गोपिओ इन्टरनेशनल सम्मेलन में कुसुम वर्मा को उनके लोकगायन, नृत्य, कला कौशल और हिन्दी साहित्य की विश्वव्यापी गतिविधियों के समर्थन में रचनातमक सहयोग देने तथा भारतीय संस्कृति के गौरवान्वयन हेतु किए जा रहे प्रयासों की अनुशंसा हेतु ’गोपिओ इन्टरनेशनल पीस एण्ड हारमोनी अवार्ड’ से फिजी के मंत्री रमेश चन्द, ऑकलैण्ड के एमपी डा0 परमजीत परमार और ऑकलैण्ड के एमपी कंवलजीत सिंह बख्शी ने सम्मानित किया। इस अवसर पर कुसुम वर्मा ने भारत की अवधी भाषा में अवधी लोकगीतों की सुरभि से लोगों को सुरभित किया। महज इतना ही नही एक शाम कुसुम वर्मा के नाम कार्यक्रम में कुसुम वर्मा ने अपने सुहावने अवधी लोकगीतों से धूम भी मचाई।
कुसुम को कला की त्रिवेणी कहना कोई अतिश्योक्ति न होगा क्योंकि कुसुम वर्मा न केवल अवधी लोकगायिका हैं, अपितु वह कुशल कवियत्री, कुशल चित्रकार, कुशल अभिनेत्री और कुशल कथक नृत्यांगना भी हैं। अनेकों सांस्कृतिक मंच और संगीत गलियारें उनके बहुआयामी कला के गवाह रहें हैं।