कृष्णा पूनिया ने लफंगों को सिखाया सबक़
नई दिल्ली: भारतीय डिस्कस थ्रो खिलाड़ी कृष्णा पूनिया नए साल पर लड़कियों से छेड़खानी करने वाले तीन लड़कों को सबक सिखाकर सोशल मीडिया का दिल जीत लिया। हुआ ये कि नए साल के दिन राजस्थान के चुरु में तीन लड़के वहां से गुजर रही तीन किशोरियों को तंग कर रहे थे। कृष्णा पूनिया रेलवे क्रासिंग पर रेडलाइट होने के कारण वहां मौजूद थीं। लड़कों को छेड़खानी करते देख पूनिया तुरंत अपनी कार से उतरीं और उन लड़कों की तरफ झपटीं। पूनिया को अपनी तरफ आते देख तीनों लड़के मोटरसाइकिल चालू करके वहां से भागने लगे लेकिन वो एक को पकड़ने में कामयाब रहीं।
2010 के कॉमनवेल्थ खेलों में डिस्कस थ्रो में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। लड़कों को मोटरसाइकिल से भागते देख कृष्णा पूनिया ने दौड़कर उनका पीछा किया। पूनिया ने बातचीत में कहा कि जब उन्होंने दो किशोरियों के संग छेड़खानी होते देखा तो उन्हें लगा कि वो उनकी बेटियां भी हो सकती थीं। पूनिया के अनुसार ये ख्याल आते ही वो लड़कों को रोकने के लिए कार से झपट कर उतरीं।
छेड़खानी करने वाले एक युवक को पकड़ने के बाद पूनिया ने पुलिस को फोन किया लेकिन पुलिस ने पहुंचने में थोड़ी देर की। पूनिया ने इसके लिए पुलिस प्रशासन की आलोचना की। पूनिया ने अखबार से कहा कि पुलिस थाना वहां से महज दो मिनट दूर था लेकिन पुलिस वाले मेरे दो बार फोन करने के बाद भी काफी समय बाद पहुंचे। पूनिया ने अखबार से कहाकि अगर पुलिसवाले इतनी देरी से पहुंचेगा तो वो महिलाओं की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित करेंगे।
पूनिया ने कहा कि अगर आम नागरिक लड़कियों से छेड़खानी जैसी घटनाओं को गंभीरता से लेने लगें तो इस पर काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। पूनिया ने लोगों को द्वारा महिलाओं के संग छेड़खानी जैसी घटनाओं के प्रति मूक दर्शक बने रहने के प्रति चिंता जाहिर की। पूनिया ने कहा कि हमारे समाज की ये समस्या है कि यहां ऐसी घटनाओं के खिलाफ आवाज उठाने वाले और विरोध करने वाले बहुत कम लोग हैं।