बोले -सपा में सबकुछ हो सकता है लेकिन जुदाई नहीं

नई दिल्ली: यूपी के कैबिनेट मंत्री और सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान ने पार्टी में चल रहे कलह पर मंगलवार को कहा कि सुलह की कोशिश जारी रहेगी। सभी दरवाजे अभी बंदी नहीं हुए हैं।

उन्होंने यहां कहा कि सपा में सबकुछ हो सकता है लेकिन जुदाई नहीं। उन्होंने कहा कि मुसलमान सपा के साथ है।

चिट्ठी पर मुलयाम सिंह के हस्ताक्षर को लेकर लगाई जा रही अटकलों पर उन्होंने कहा कि एक हस्ताक्षर शॉर्ट फार्म में है और दूसरा फुल फार्म में है।

चुनाव में किसको फायदा होगा, मुलायम को या अखिलेश को? इस सवाल पर आजम खान ने कहा कि चुनाव अभी बहुत दूर है, इस पर कुछ कहना जल्दीबाजी होगी।

गौरतलब है कि इससे पहले जब मुलायम ने अखिलेश और रामगोपाल यादव को 6 साल के लिए पार्टी से बाहर निकाल दिया तो अगले ही दिन आजम नेताजी से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंचे। उसके बाद सुलह की कोशिश तेज हुई, जिसके तहत वह अखिलेश को लेकर मुलायम के पास आए और शिवपाल सिंह यादव को भी वहां बुलाया गया।

करीब एक घंटे तक चली बैठक के बाद शिवपाल ने अखिलेश और रामगोपाल के निष्कासन को रद्द करने का ऐलान किया। लेकिन बात तब और बिगड़ गई जब रामगोपाल के लखनऊ में बुलाए गए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुलायम को मार्गदर्शक बना दिया गया। शिवपाल को प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया गया और अमर सिंह को पार्टी से निकाल दिया गया।

फिर उसी दिन यानी एक जनवरी को मुलायम ने फिर रामगोपाल को पार्टी से निष्कासित कर दिया।

सूत्रों के अनुसार मोहम्मद आजम खां इसी मकसद से दिल्ली गये हैं। सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुलायम सिंह यादव के खेमे के विधायक ओम प्रकाश सिंह और नारद राय के पास विधान परिषद के एक सदस्य को भेजा था। हालांकि, इन लोगों की बातचीत का व्यौरा नहीं मिल सका है। जानकारों के अनुसार मुख्यमंत्री इन दोनों के साथ ही दूसरे पाले में खड़े विधायकों को भी अपने समर्थन में लाना चाहते हैं।

इन घटनाक्रमों के बीच मुख्यमंत्री ने आज अपने समर्थकों से मुलाकात की। उन्होंने समर्थकों से कहा कि वे क्षेत्रों में जाएं और चुनाव की तैयारी करें। उन्होंने समर्थकों से विवादित बयान नहीं देने की सख्त हिदायत दी।

उनका कहना था कि संगठन को मजबूत करने के बाद चुनाव जीतकर सरकार बनाना है। समय बहुत कम है। चुनाव आचार संहिता किसी भी समय लग सकती है। इसलिए सारी चीजें दरकिनार कर चुनाव जीतने के लक्ष्य पर क्षेत्र में जायें।