आतंकी हमले में बहने वाला खून इंसान का होता है: हाजी शमीम हैदर
‘‘जुल्म और आतंकवाद’’ के मुद्दे पर हुसैनी मंच ने आयोजित किया गोष्ठी
सुलतानपुर। आतंकी अटैक में खून बेगुनाहों का बहता है। ये बहने वाला खून न किसी हिन्दू का होता है और न किसी मुसलमान का बल्कि एक इंसान का होता है। बहते हुए खून को देखकर जानवर चिल्ला पड़ता है तो हम सब तो फिर भी इंसान ठहरे। लिहाजा हर जुल्म के खिलाफ उठना और बोलना धार्मिक या इस्लामिक नही इंसानियत का फरीजा है।
उक्त बातें हुसैनी मंच के बैनर तले जुल्म और आतंकवाद पर आयोजित एक गोष्ठी में कहीं गई। शहर के घासीगंज स्थित कर्बला के इमाम बारगाह में हुसैनी मंच के बैनर तले जुल्म और आतंकवाद पर सोमवार को गोष्ठी आयोजित हुई थी। इसलिए कि आज ही के दिन 2 जनवरी 2016 को सऊदी अरब में शिया आलिम शहीद आय्तुल्लाह निम्र और कई सुन्नी ऊल्माओ समेत 46 बेगुनाह अफराद को सऊदी के जालिम बादशाह ने फांसी दे दिया था। इसमें आय्तुल्लाह निम्र का जुर्म ये था कि ये कौम की फलाह और हक के लिए हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे थे। वहीं दीगर सुन्नी ऊल्माओ और उनके साथ जुल्म का शिकार हुए लोगों का गुनाह ये था की ये सभी हुकूमत की पाबंदी के बाद पैगम्बर हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ.व. की कब्रे मुबारक पर जाकर दूरूदो सलाम पढ़ते थे। लेहाजा जरूरी है की हम इन बेगुनाहों और इनकी कुर्बानियो को याद रखें। हुसैनी मंच द्वारा गोष्ठी का आयोजन कर इस दर्दनाक हादसे की मजम्मत की गई। मंच के सदस्य हाजी शमीम हैदर कर्बालाई ने कहा कि आतंकी अटैक में खून बेगुनाहों का बहता है। ये बहने वाला खून न किसी हिन्दू का होता है और न किसी मुसलमान का बल्कि एक इंसान का होता है। बहते हुए खून को देखकर जानवर चिल्ला पड़ता है तो हम सब तो फिर भी इंसान ठहरे। लिहाजा हर जुल्म के खिलाफ उठना और बोलना धार्मिक या इस्लामिक नही इंसानियत का फरीजा है। वहीं सै. मुश्ताक अली ने कहा कि हर हक की आवाज को बुलंद करने वाले इंसान की आवाज को हम अपनी आवाज बनाते है और से शिक्षा हमें कर्बला में हुसैन इब्ने अली ने दी है। एमएच खान गौरी एडवोकेट ने कहा इन सब बेगुनाह इंसान खासकर हिंदुस्तान और दुनिया भर के हर इंसान को इंसाफ दिए जानें की लड़ाई और उन पर हुए जुल्म के खिलाफ आवाज मंच उठाता रहेगा। गोष्ठी में शमीम हैदर शम्मू, आसिम सज्जाद, आफताब आलम, शबीह हैदर, हाशिम रजा, आलम रिजवी अली मेंहदी, फजीलत इमाम, शकेब कासिम, कबीर, जाहिद इमाम, अफरोज हैदर, नकीब इमाम, नजर नकी, अजहर अब्बास, असगर नकी सहित सैकड़ो लोग मौजूद रहे।