जनसंघ की नीतियां भारतीय संस्कृति से जुड़ी है: अमित शाह
लखनऊ : गोमती नगर स्थित इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में गुरूवार की शाम पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम रही।
एकात्म मानव दर्शन अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. मेहश चन्द्र शर्मा के सम्पादन में प्रकाशित दीनदयाल उपाध्याय संपूर्ण वाङ्मय पुस्तक का उत्तर प्रदेश में लोकार्पण हुआ। इस मौके पर राज्यपाल ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के नाम डाक टिकट भी जारी किया।
लोकार्पण समारोह के मुख्य अतिथि भारतीय जानता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जीवन को देश के लिए समर्पित बताया उन्होंने कहा कि जनसंघ की नीतियां भारतीय संस्कृति से जुड़ी है। डॉ. श्याम प्रसाद मुखर्जी व पंडित दीनदयाल उपाध्याय सहित 10 लोगों ने मिलकर जनसंघ की स्थापना वर्ष 1951 में इसलिए की थी क्योंकि पंडित जवाहर लाल नेहरू जब सर्वदली सरकार के प्रधान मंत्री बने तो देश के विकास नीतियों में भारतीय संस्कृति की और मिट्टी की खुशबू को नजर अंदाज कर दिया था।
भारतीय जनसंघ में आज 11 करोड़ कार्यकर्ता है और देश में भाजपा की पूर्ण बहुमत वाली सरकार है प्रधान मंत्री नरेन्द्र भाई की सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय के सिद्धांतों पर चल रही है जिसमें देश के पुर्न निर्माण की कोशिश के तहत गरीबों व पिछड़ों के कल्याण की योजनाएं संचालित है। उन्होंने प्रधान मंत्री नेरन्द्र मोदी की तुलना पूर्व प्रधान मंत्री लाल बहादुर शास्त्री से की और कहा शास्त्री के बाद प्रधान मंत्री ने पहली बार देश के हित में गैस की सब्सिडी छोड़ने की अपील की जिसके परिणाम स्वरूप 1 करोड़ 20 लाख लोगों ने सब्सिडी छोड़ी। और 5 करोड़ गरीबों परिवारों को उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस कनेक्शन दिये गये। भाजपा व देश की सरकार पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्मशती को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में बना रही है।
ऐतिहासिक है आज का दिन : राज्यपाल राम नाईक ने कार्यक्रम आयोजकों की तारीफ की और कहा आज यहां आनंद की अनुभूति व स्फूर्ति वाले कार्यक्रम की अध्यक्षता का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने बताया कि 29 दिसम्बर 1916 को जननायक लोकमान्य तिलक का भाषण लखनऊ में ही हुआ था जिसमें उन्होंने स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है इसे प्राप्त करूंगा, का नारा दिया था। पंडित दीनदयाल उपाध्याय उन मनीषियों में से है जिन्होंने देश को आजाद कराने में अपना जीवन लगा दिया। राज्यपाल ने लोकर्पित पुस्तक के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।
भारतीय राजनीति का दस्तावेज : भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हृदय नारायण दीक्षित ने लोकर्पित पुस्तक को भारतीय राजनीति का समुचित दस्तावेज बताया उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय के दर्शन शास्त्री थे इस ग्रंथ में भारत की सभ्यता संस्कृति राजनीतिक अनुभव व इतिहास संलग्न है। यह ग्रंथ हजारों वर्ष तक पढ़ा जायेगा।
लखनऊ के महापौर डॉ0 दिनेश शर्मा ने आगंतुकों प्रति आभार व्यक्त किया संचालन त्रयम्बक तिवारी ने किया। लोकर्पित पुस्तक के सम्पादक डॉ. महेश चन्द्र शर्मा ने बताया कि पुस्तक 15 खण्डों में कालखण्ड के अनुसार लिखी गई है सुखद संयोग है कि पंडित जी के जन्मशताब्दी में इसका प्रकाशन हो रहा है। अगले वर्ष अंग्रेजी संस्करण के प्रकाशन का प्रयास है। समारोह में लखनऊ, आगरा व बनारस विश्वविद्यालय के कुलपति सहित कई साहित्यकार, लेखक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य, प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, लाल जी टण्डन, रमापति राम त्रिपाठी, सूर्य प्रताप शाही, राम नरेश रावत, डॉ. चैतन्य, महेन्द्र सिंह, स्वतंत्र देव सिंह, जयपाल सिंह, प्रो0 एस. पी. सिंह, प्रो0 रविकान्त, प्रो0 विनय पाठक, डॉ. वाई. पी. राय व पीयूष कुमार, रवि तिवारी, धर्मेन्द्र पाठक, रवि वर्मा, मिथेलेश पांडेय, यतेन्द्र तिवारी, मयंक तिवारी, पंकज मिश्रा, विक्रम, प्रणव पांडेय आदि मौजूद रहे।