‘उजाले दूर नहीं’ को मिला गोइन्का पुरस्कार
कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा स्थापित दक्षिण भारत के हिन्दी साहित्यकारों के लिए इकतीस हजार रुपये का "बाबूलाल गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार" श्रीमती पवित्रा अग्रवाल (हैदराबाद) को उनकी श्रेष्ठतम मूल कृति "उजाले दूर नहीं" के लिए दिया गया। संग-संग सर्वश्रेष्ठ अनूदित साहित्य के लिए घोषित इकतीस हजार रुपये का "बालकृष्ण गोइन्का अनूदित साहित्य पुरस्कार" इस वर्ष डॉ. वी. पद्मावती को उनकी अनुसृजित कृति "कोहरे में कैद रंग" के तमिळ में अनुवाद के लिए प्रदान किया गया। साथ ही दक्षिण के हिन्दी साहित्यकारों के सम्मानार्थ घोषित "बालकृष्ण गोइन्का हिन्दी साहित्य सम्मान" से चेन्नई के हिन्दी सेवी व साहित्यकार/पत्रकार श्री रमेश गुप्त नीरद को सम्मानित किया गया।
कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने पुरस्कृत साहित्यकारों को हिन्दी साहित्य के योगदान के लिए सराहा व सत्कारमूर्तियों का परिचय दिया। श्रीमती पवित्रा अग्रवाल, डॉ. वी. पद्मावती तथा श्री रमेश गुप्त नीरद ने अपने सम्मान के लिए आभार व्यक्त करते हुए कमला गोइन्का फाउण्डेशन को धन्यवाद दिया। समारोह अध्यक्ष "दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, चेन्नई" के कुल सचिव डॉ. प्रदीप शर्मा जी ने कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा हिन्दी साहित्य के प्रति किये जा रहे कार्यों की भरपूर सराहना की। कार्यक्रम का संचालन श्री ईश्वर करूण ने किया। अंत में श्री शिवकुमार गोइन्का ने आभार व्यक्त किया।
समारोह का आयोजन कमला गोइन्का फाउण्डेशन द्वारा चेन्नई के "अग्रवाल विद्यालय" के सभागृह में किया गया। इस अवसर पर चेन्नई के तमिलनाडु हिन्दी साहित्य अकादमी की अध्यक्षा डॉ. मधु धवन, श्री प्रह्लाद श्रीमाली, डॉ. एम शेषन सहित अनेक हिन्दी साहित्य रसिक उपस्थित थे।