सुल्तानपुर: संदीप, सुभाष को टिकट मिलने के बाद राजनैतिक गलियारे में मची हलचल
टिकट कटने के बाद फूटने लगे बगावत के सुर, अनूप पर तीसरी बार भरोसा
सुलतानपुर। समाजवादी पार्टी द्वारा दर्जा प्राप्त मंत्री और कांग्रेस से नाता रखने वाले सुभाष को टिकट दिए जाने के बाद राजनैतिक गलियारे में हलचल मच गई है। सुलतानपुर सीट से तीसरी बार प्रत्यासी घोषित होने के बाद विधायक अनूप संडा के समर्थको ने मिठाई बाँट कर अपनी खुशी का इजहार किया। उधर टिकट कटने के बाद कुछ माननीयो में बगावत के सुर फूंटने लगे है।
सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह ने बुधवार को जैसिंघपुर और चांदा विधान सभा से अपने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा किया। चांदा से विधायक संतोष पांडेय का टिकट काटकर सुभाष त्रिपाठी के नाम की घोषणा किया। सुभाष त्रिपाठी खाटी कांग्रेसी माने जाते है। जैसिंघपुर से विधायक अरुण वर्मा की बजाय मंत्री संदीप शुक्ला चुनाव लड़ेंगे। हाई कमान के इस फैसले के बाद उहापोह की स्तिथि बनी हुई है। सूत्रो के मुताबिक संदीप शुक्ला सुलतानपुर से चुनाव लड़ना चाहते थे। यही वजह रही कि सुलतानपुर से संदीप शुक्ला की चहलकदमी कुछ ज्यादा बढ़ गई थी। इस राजनैतिक लड़ाई में अनूप संडा हावी पड़ गए। तीसरी बार भी अनूप संडा के चुनाव लड़ने की मोहर लग गई। अभी इसौली और कादीपुर से नामों की घोषणा नही हुई है। टिकट कटने के बाद कुछ माननीयो ने सपा से बगावत का मूड बनाया है। सूत्रो का दावा है कि ऐसे नेता या तो भगवा चोला ओढ़ लेंगे या फिर निर्दल चुनाव लड़कर अपनी ताकत का एहसास कराएँगे।
इसौली विधान सभा में विधायक अबरार कद्दावर नेता आजम खा के करीबी माने जाते हैं। यही वजह है कि इनका चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है। यहाँ से शकील अहमद ताहिर खान बीएम यादव और शिवकुमार चुनाव लड़ने की फरमाइश करते चले आ रहे हैं। देखना यह है कि सपा सुप्रीमों किस चेहरे पर अपना दांव लगाते हैं।
जैसिंघपुर विधायक अरुण वर्मा भले ही कथित गैंग रेप मामले में घिरे रहे लेकिन इनके द्वारा कराये गए विकास कार्य को भी नजरअंदाज नही किया जा सकता है। जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। अनूप संडा पर भी कथित प्रेम प्रसंग को लेकर कई आरोप लग चुके हैं। समय के साथ सब मामले ठन्डे पड़ गए।