अखिलेश की लिस्ट में अंसारी बंधु, अतीक और अमनमणि के नाम नहीं
मुलायम को सौंपी सभी सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट
लखनऊ। यूपी में समाजवादी पार्टी में फिर कलह के आसार दिख रहे हैं। रविवार और क्रिसमस का मौके होने के बावजूद लखनऊ में सियासी पारा उस समय अचानक चढ़ गया जब मुलायम से मुलाकात के दौरान अखिलेश ने राज्य की 403 सीटों पर अपने उम्मीदवारों की सूची सौंपी। इनमें वो 175 सीटें भी शामिल हैं जिसपर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव प्रत्याशी घोषित कर चुके हैं। शिवपाल के 175 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी करने के बाद सीएम अखिलेश ने 403 प्रत्याशियों की लिस्ट मुलायम सिंह को सौंपी है। अखिलेश ने जो लिस्ट सौंपी है उन सीटों में से करीब 43 फीसदी सीटों पर प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव पहले से उम्मीदवार घोषित कर चुके हैं।
अखिलेश की लिस्ट में शिवपाल की सूची के ज्यादातर नाम गायब हैं। सूत्रों के मुताबिक अखिलेश की लिस्ट में अंसारी बंधु, अतीक अहमद और अमनमणि त्रिपाठी के नाम शामिल नहीं हैं। इसके अलावा कांग्रेस और आरएलडी के साथ गठबंधन बनाने में जुटे अखिलेश, अमर सिंह की दखलअंदाजी से भी नाराज बताए जा रहे हैं। अखिलेश के इस कदम पर शिवपाल यादव भी चुप नहीं बैठने वाले थे।
शिवपाल ने भी इशारों-इशारों में ट्वीट के जरिए अखिलेश पर पलटवार किया कि पार्टी में किसी प्रकार की अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं की जाएगी जो पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाए। टिकट का बंटवारा जीत के आधार पर होगा, अब तक 175 लोगों को टिकट दिया जा चुका है।
इससे पहले मुलायम ने विवादों में रहनेवाले गायत्री प्रजापति का पार्टी में कद बढ़ाते हुए राष्ट्रीय सचिव नियुक्त कर दिया था। शिवपाल का करीबी होने के चलते अखिलेश प्रजापति को पसंद नहीं करते हैं। दोबारा अखिलेश की कैबिनेट में शामिल होने के बाद से प्रजापति परिवहन मंत्री का जिम्मा संभाल रहे हैं। उधर, बीजेपी ने भी समाजवादी पार्टी पर अपराधियों को टिकट बंटाने का आरोप लगा दिया। केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने बाराबंकी में कहा कि माफियाओं को टिकट देकर समाजवादी पार्टी राजनीति का अपराधीकरण कर रही है।
पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते टिकट बंटवारे में इस बार शिवपाल यादव की ही चल रही है लेकिन अखिलेश के इस कदम से समाजवादी पार्टी में सियासी भूचाल आना तय है। कुनबे को एक करने में दिन रात जुटे मुलायम सिंह के सामने नई चुनौती होगी। लखनऊ में पार्टी स्थापना दिवस पर खुली तकरार के बाद बेशक अखिलेश-शिवपाल कई मंचों पर साथ दिखे हों, लेकिन इस लिस्ट ने बता दिया है टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है और ये लड़ाई बहुत आगे तक जाएगी।