हमारे समाज में जागरूकता और शिक्षा की कमी: जमाल अकबर
रुदौली, फैजाबाद! अमन बिरादरी ट्रस्ट की अगुवाई में मिसाल फेलोशिप कार्यक्रम के माध्यम से प्रेरणा किशोरी विकास केंद्र ने “उत्तर प्रदेश में सरकारी योजनाओं और संवैधानिक अधिकारों तक अल्पसंख्यक समुदाय की पहुँच ” विषय पर अल्पसंख्यक बाहुल्य कई क्षेत्रों में एक शोध अधयन्न किया गया. अध्यन रिपोर्ट का विमोचन बड़ा इमामबाडा, रुदौली में युवा सामाजिक कार्यकर्ता सैयद जमाल अकबर, शाह मसूद हयात (गजाली), अतीक खां, मो. अर्सलान शीबली, मिसाल उत्तर प्रदेश राज्य प्रवेक्षक इमरान अंसारी, मिसाल से जुड़कर अध्यन करने वाली सबा यासीन, अवध पीपुल्स फोरम से आफाक उल्लाह ने सामूहिक रूप से अध्यन पुस्तिका का विमोचन किया.
अध्यन से प्राप्त आकड़ों पर प्रस्तुती करते हुए इमरान अंसारी ने बताया की सौ लोगों से बात करने से हमको रुदौली क्षेत्र में पता चला कि इन सौ लोगों में से किसी को कोई सरकारी योजना की जानकारी नहीं है. सरकारी योजनाओं तक पहुँच तो बहुत दूर की बात है. निर्माण मजदूर बोर्ड में मजदूरों का पंजीकरण तक नहीं हुआ है. मुस्लिम बच्चों की स्कालरशिप नहीं आती है, इसलिए अब बच्चे निराशा में आवेदन नहीं करते है. बुनियादी ज़रूरतों के सवाल पर मोहल्लों में साफ सफाई नहीं होती है. आगनबाडी नहीं चलती है. स्वास्थ्य-चिकित्सा सुविधाओं तक समुदाय की पहुच नहीं है. गैरसरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर उधार या कुछ सामान गिरवी रखकर चिकित्सा सुविधा गरीब जनता प्रप्त करती है. उच्य शिक्षा में उर्दू में बी.ए. नहीं है. गैरसरकारी शिक्षण संस्थान बहुत अधिक पैसों की वसूली करते है और पढाई भी नहीं करवाते है. अल्पसंख्यक बाहुल क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ना के बराबर है. महिलाएं हुनर जानती है या सीखना चाहती है फिर भी उनके लिए कोई काम नहीं है ना ही कोई उचित प्रशिक्षण की व्यवस्था है. कौशल विकास प्रशिक्षण के नाम पर हजारों रूपये की वसूली के बाद भी प्रशिक्षण नहीं दिया गया. जो संस्थाए, व्यक्ति ये काम कर रहे थे वो पैसा लेकर रफू चक्कर हो गए. जिस कारण किशोरियों में निराशा है.
अध्यन प्रस्तुती को सुनने के बाद युवा सामाजिक कार्यकर्ता सैयद जमाल अकबर ने कहा कि हमारे समाज में जागरूकता और शिक्षा की कमी है. हमने सैकड़ों समाजवादी पेंशन का फॉर्म भरवा कर काम करवाया है. लेकिन ये सही है कि सभी की पहुच तमाम सरकारी योजनाओं तक नहीं हो पा रही है. इसमें कमी हमारी-आपकी दोनों की है. प्रदेश सरकार तो अल्पसंख्यक, दलित, वंचित सभी वर्गों के कल्याण के लिए विभिन्न योजनाओं चला रही है. जिससे हमको लाभ लेकर तरक्की और खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ना है. शाह मसूद हयात (गजाली) ने कहा की तरक्की का रास्ता साझी सोच और काम से आता है. हमको इन्सान की ख़ुशी के लिए काम करना है. साथ ही साथ ऐसी सरकारों एवं प्रतिनिधियों का चुनाव करना चाहिए जो जोड़ने का काम करते है, जो सभी को साथ लेकर चलने का काम करते है. अतीक खां ने कहा कि जनता के लिए जो योजनाये सरकार चला रही है. इन आकड़ों से साफ है कि आसानी से समाज को लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसकी वजह जानकारी की कमी और लोग समय निकालकर अपने लिए काम नहीं कर रहे है. इसके पीछे वजह साफ है कहीं ना कहीं आवाम में ये बात चली गई है कि उनका काम नहीं होगा. जबकि ऐसा है नहीं प्रदेश सरकार सभी वर्गों के लिए काम कर रही है. सच्चर कमेटी की सिफारिशों के बाद रुदौली का जिस स्तर पर विकास होना चाहिए था नहीं हो पाया है. इसके लिए सरकारी अमले की उदासीनता ज़िम्मेदार है. हमको साझी संस्कृति को आगे बढ़ाते हुए रुदौली क़स्बे का विकास करना है. कार्यक्रम का संचालन करते हुए आफाक उल्लाह ने कहा कि सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्रा आयोग, अमिताभ कुंडू और उसके बाद विभिन्न अध्यन से ये साफ है कि केंद्र और राज्य सरकारें लगातार अल्पसंख्यक वर्ग के लिए विभिन्न प्रकार की योजनायें और पैकेज बना रही है फिर भी इन योजनाओं से समुदाय का विकास नहीं हो पा रहा है. लोगों की स्थिति में कोई विशेष बदलाव नहीं आया है. शिक्षा, स्वास्थ्य, सफाई, जैसी बुनियादी सुविधा समुदाय स्तर पर बेहतर नहीं हो पा रही है. रोजगार, सामाजिक सुरक्षा, कौशल के लिए समाज कसमसा रहा है फिर भी उसकी पहुच यहाँ तक नहीं हो पा रही है. कार्यक्रम के समापन से पूर्व अतिथियों के साथ बात कर के ये राय बनी कि सम्बंधित विभागों के अधिकारीयों को बुलाकर एक जनसुनवाई अगले माह की जाएगी. जिससे समुदाय के लोगों को सभी योजनाओं से जोड़ा जा सके. कार्यक्रम में रुखसार बानो, नूरी बानो, शबीना, गुलाफ्शा, बुशरा, अफसाना खातून, फिदौस सहित सैकड़ों की संख्या में किशोरियों एवं महिलाओं इस कार्यक्रम में भागेदारी की.