राहुल अगर न बोलते तो भूकंप आ जाता: मोदी
वाराणसी: पीएम नरेंद्र मोदी आज बनारस के दौरे पर हैं. बीएचयू में पीएम मोदी ने नोटबंदी को लेकर लगातार हो रहे हमले का जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इन इन दिनों देश में एक बहुत बड़ा सफाई अभियान चल रहा है. उन्होंने उदाहरण देकर कहा कि अगर गंदगी का ढेर हो और वहां से आप गुजरते हैं तो दुर्गंध आती है. यह दुर्गंध एक सीमा तक ही महसूस होती है. लेकिन जब वहां सफाई होती है तो दुर्गंध इतनी ज्यादा महसूस है कि वहां से गुजरना मुश्किल हो जाता है. यही नहीं एक बार पूरा गंध साफ हो जाए तो लगता है कि इतनी अच्छी जगह थी यहां बागीचा बनाया जा सकता है.
राहुल और विपक्षियों के हमले पर पीएम मोदी ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि पीएम मोदी ने इतना बड़ा निर्णय बिना अनुमान लगाए ले लिया. यह बात सही है कि बहुत-सी चीजों का अनुमान था, लेकिन एक अनुमान मैं भी लगा पाया कि कुछ राजनेता और पार्टियां हिम्मत करके बेइमानों के साथ खड़े हो जाएंगे. मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा संभव होगा, लेकिन ऐसा हुआ. संसद में जनता ने तू-तू, मैं- मैं देखी है. बेइमानों को बचाने के लिए कैसी-कैसी तरकीबें निकाली जा रही हैं. मैं जानता हूं कि जनता को इस फैसले के बाद बहुत कष्ट हुआ. इसके बावजूद देश ईमानदारी के रास्ते पर चल रहा है… देश की भलाई के लिए लोग घंटों कतार में खड़े हैं.
पीएम मोदी ने आगे बिना नाम लिए कहा कि कुछ लोग विरोध करने में अपना संतुलन खो देते हैं. मैं हैरान तब हो जाता हूं जब मेरे कैशलैश की बात करने पर पूर्व पीएम मनमोहन सिंह जो देश की अर्थव्यस्था से जुड़ी कोर टीम में 1970-72 से हैं ने भी कहा कि जिस देश में 50 प्रतिशत गरीब हों वहां टेक्नोलॉजी की बात कैसे हो सकती है. मुझे बताएं कि वे अपना रिपोर्ट कार्ड दे रहे हैं या मेरा. मनमोहन सिंह को विरोध करना चाहिए. वे पूर्व प्रधानमंत्री हैं और हम उनकी बातों को गंभीरता से लेते हैं, लेकिन आप अपना रिपोर्ट कार्ड दे रहे हैं. 50 प्रतिशत गरीबी की विरासत किसकी है. उनका इशारा यूपीए के शासन काल पर था.
राहुल गांधी का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा जबसे युवा नेता ने बोलना सीखा और बोलना शुरू किया है मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. 2009 में पता ही नहीं चलता था कि इस पैकेट में क्या है. अगर न बोलते तो भूकंप आ जाता. देश को इतना बड़ा भूकंप झेलना पड़ता कि 10 साल तक भी देश नहीं उभर पाता.
युवा नेता ने बड़े मजे में कहा कि जिस देश में 60 प्रतिशत लोग अनपढ़ हों वहां पीएम मोदी ऑनलाइन बैंकिंग की बात कैसे कर सकते हैं. क्या मैंने कोई जादू टोना किया है जो कोई अनपढ़ हो गया. ये क्या कर रहे हैं उन्हें भी समझ नहीं आ रहा है. अनपढ़ जनता किसकी देन है, लेकिन किसी का कालाधन खुल रहा है तो किसी का काला मन खुल रहा है. देश साफ-सुथरा होकर स्वच्छ होकर सोने की तरह तपकर निकलेगा, इस विश्वास के साथ मैं काम कर रहा हूं.
पीएम मोदी ने आखिर में कहा कि मेरा बीएचयू के नौजवानों से आग्रह है कि कालेधन की सफाई तो हो और फिर से यह पनपे नहीं इसके लिए लोगों को ऑनलाइन बैंकिंग के लिए तैयार करना है.