अर्थव्यवस्था में वित्त का महत्व शरीर में रक्त के सामान है: प्रांजल जायसवाल
रुद्रपुर। अर्थव्यवस्था में वित्त का महत्व शरीर में रक्त के सामान है । मार्किट का नियमन दृविकास और निवेशको के संरक्षण के लिए सेबी की स्थापना की गयी है । स्टाक मार्किट के आवश्यकता पर बल देते हुए कहा की दीर्घ काल में रिटर्न्स अच्छे मिलतें है । भारतीय वित्त बाजार को सात रेगुलेटरी बॉडी संचालित करती है आप को ध्यान रखना चहिए की कौन सी योजना किस रेगुलेटर के अंतर्गत आरही है । शेयर मार्किट के डूज एंड डोंट बताते हुए कहा की निवेश से पहले सभी डॉक्यूमेंट सावधानी पुर्वक पढ़ें । निवेश से पहले शुल्क और प्रभावी होने वाले चार्जो की जानकारी अवश्य लें । भुगतान अकाउंट पेयी चेक से सीधे कंपनी को ही करे न की डिस्ट्रीब्यूटर को। पता परिवर्तन की दशा में केवाईसी को तुरंत उपडेट करें।
उक्त बातें दीन दयाल उपाध्याय कौशल केंद्र, सरदार भगत सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय और एन एन जे आई टी आई के संयुक्त तत्वाधान आयोजित तथा विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड(सेबी), बीएसई आईपीएफ द्वारा वित्त पोषित एक सप्ताह की राष्ट्रिय कार्यशाला कौशल विकास और रोजगार सृजन के दुसरे दीन सेकुरिटी मार्किट और सेबी की भूमिका विषय पर बोलते हुवे सेबी के डिप्टी जनरल मैनेजर प्रांजल जायसवाल ने कही । उन्होंने आगे कहा की कभी भी उधार ले कर निवेश न करें । अप्रत्याशित रिटर्न्स की अपेक्षा न करें और न ही बाजारों की अफवाहों पर ध्यान दें ।
दुसरे सत्र में बीएसई की कार्यप्रणाली और अनुप्रयोजन पर बोलते हुए बीएसई इन्वेस्टर प्रोटेक्शन फण्ड के हरबिन्दर सिंह सोखी ने कहा की स्टॉक्स में निवेश करना चाहतें है तो स्टॉक्स एक्सचेंज की क्रियाविधि समझाना फायेदेमंद होगा । स्टॉक्स में निवेश करते समय यह बात ध्यान रखें कोई भी ब्रोकर या ब्रोकिंग हाउस प्रतिफल की गारेंटी नहीं दे सकता । बी एस ई ने देशभर में फ्यूचर और आप्शन ट्रेडिंग की सरल समझ जानकारी और शिक्षण विकसीत करने के लिए जाग्रति अभियान चालू किया है । बीएसई के अस्सिस्टेंट मैनेजर अनुराग वर्मा ने शेयर बाजार में जोखिम प्रबंधन, फ्यूचर एंड आप्शनस , मुम्बई शेयर बाजार में डेरिवेटिव्स ट्रेडिंग की सरल तरीको को समझाते हुए प्रतिभागीयों की शेयर बाजार की शंकाओं का समाधान किया ।
ऊधम सिंह नगर की जिला सेवायोजन अधिकारी अनुभा जैन ने कौशल विकास से महिला सशक्तिकरण विषय पर बोलते हुए कहा की कौशल विकास योजनायें महिलाओं के सशक्तिकरण का क्रन्तिकारी कदम सिद्ध होगी आवश्यकता है इन योजनाओं को पारदर्शी तरीके से लागू करने की । महिलाओं में कौशल विकास के द्वारा ही महिलाओं के श्रम का उचित प्रतिफल मिल सकेगा क्योंकि अभी भी एक ही कार्य के लिए महिला और पुरुष की मजदूरी में अंतर है । महिलाओं में समुचित कौशल दृदक्षता से ही स्वावलंबन के साथ आत्मसम्मान का भाव जागृत किया जा सकता है ।
अशोक लेलैंड के टोटल क्वालिटी मनेजर प्रियांक भट्ट ने सॉफ्ट स्किल पर जोर देते हुए कहा की सॉफ्ट स्किल और प्रजेंटेशन के माध्यम से इम्प्लोयबिलिटी बढाई जा सकती है । कम्पनियों को रोजगार के लायक दक्ष युवा नहीं मिल पा रहे है । सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर अपनी योग्यता दृप्रतिभा सिद्ध की जा सकती है।
कार्यशाला के समन्वयक सहायक आचार्य डॉ हरनाम सिंह ने संचालन करते हुए कहा कि वित्तीय और आईटी सेक्टर में नौकरियों के नए अवसर सृजित हो रहें है । नोट बंदी ने वित्तीय क्षेत्र में संभावनाओं के नए द्वार खोल दिए है जिसका दीर्घकालिक परिणाम होंगे ।
आयोजन सचिव डॉ विनोद कुमार ने बताया की कल मध्य प्रदेश की डॉ रंजना पटेल का उद्यमिता विकास, दिल्ली विश्वविद्यालय रामजस कालेज के डॉ सुमंजीत सिंह का डॉट काम स्टार्टअप का ब्यावासयीक अवसर और पंतनगर विश्विद्यालय के प्रो प्रभाशंकर शुक्ला का एग्री ब्रांडिंग प्रबंधन और रोजगार सृजन विषय पर विशेष व्यख्यान होंगे । कार्यशाला में निदेशक डॉ योगेश कुमार शर्मा, ई. आकांक्षा गुप्ता, अमित कुमार सिंह, विवेक अग्रवाल , डॉ सुनील कुमार मौर्या , डॉ संतोष अनल, रूद्र देव, वेद विश्वकर्मा, हितेश जोशी, मंजू पाण्डेय सहित सभी शिक्षक और कौशल केंद्र तथा एन एन जे आई टी आई के प्रतिभागी उपस्थित रहें ।