अजीत हत्याकांड: गवाह भी है और आरोपी पुलिस गिरफ्त मे, फिर भी उलझी है गुत्थी
सुलतानपुर। मझवारा गांव में सपा नेत्री कमला यादव के भतीजे अजीत यादव के हत्या की गुत्थी अब भी उलझी हुई है। सरकारी गनर के बयान और घायल की एफआईआर के बाद कमला यादव से पूछताछ पर भी पुलिस अभी किसी नतीजे पर नही पहुंची है। पुलिस को आशंका है कि कही चाची और भतीजे की जंग में किसी तीसरे ने तो फायदा नही उठा लिया।
कूरेभार थानाक्षेत्र के मझवारा गाॅव निवासी अजीत यादव (32) पुत्र राम खेलावन यादव शुक्रवार की देर रात करीब साढ़े आठ बजे घर के पास ही तपता ताप रहे था। तभी गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गयी थी। जबकि गांव का ही हौसिला सिंह का 35 वर्षीय बेटा रमाशंकर उर्फ मोहन गम्भीर रूप से घायल हुआ था। जिसकी हालत नाजुक बनी हुई है। रमाशंकर की तहरीर पर कूडे़भार पुलिस ने जिला पंचायत सदस्य एवं सपा-नेत्री कमला यादव, भाई सन्तोष यादव, राजेन्द्र मिश्रा व रमाकान्त उर्फ डब्लू मिश्रा पर मुकदमा दर्ज कर लिया था। घटना के बाद कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंच गयी थी। पुलिस ने कमला यादव को हिरासत में ले लिया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक अजीत को दो गोली लगी थी। जिससे वह मौके पर ही ढेर हो गया था। सूत्रों के मुताबिक कमला यादव और अजीत के बीच रंजिश काफी दिनों से चली आ रही थी। घायल मोहन
भी कमला यादव द्वारा हत्या किए जाने की बात दोहरा रहा है। सच्चाई जानने के लिए पुलिस ने कमला यादव के दोनो गनर का असलहा जमा करवा लिया है। इन सब तथ्यों के बावजूद हत्याकांड की गुत्थी अभी तक सुलझ नही पाई है। थानाध्यक्ष नंदकुमार तिवारी का कहना है कि इस मामले में पूरी पारदर्शिता व निष्पक्षता पूर्वक जांच की जा रही है।
रविवार को अजीत की लाश गांव पहुंची। जिसमें पूर्व विधायक चन्द्रभद्र सिंह सोनू समेत सकड़ो लोग शामिल हुए। बेहद शातिराना अंदाज में हुई इस हत्या से क्षेत्रवासी हतप्रभ है। लोगो का कहना है कि कमला यादव के घर के ठीक सामने अजीत की लाश पाई गयी। फिर भी कमला यादव अनभिज्ञ बनी हुई है। जिसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।