बेटियाँ दो घरों को जोड़ने का काम करती हैं : राज्यपाल
लखनऊः गीत एवं नाटक प्रभाग, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, भारत सरकार के क्षेत्रीय कार्यालय, लखनऊ तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वावधान में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के अंतर्गत आयोजित ‘हम किसी से कम नहीं’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री बी0बी0 खरबडे महानिदेशक राष्ट्रीय सांस्कृति सम्पदा संरक्षण अनुसंधानशाला, श्री अरिमर्दन सिंह निदेशक पत्र सूचना ब्यूरो लखनऊ, डाॅ0 संतोष आशीष प्रमुख गीत एवं नाटक प्रभाग सहित अन्य विशिष्टजन भी उपस्थित थे।
राज्यपाल ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि देश में लिंग अनुपात में बेटियों की संख्या कम हो रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं अभियान की शुरूआत करके लिंग अनुपात को पटरी पर लाने का सराहनीय कार्य किया है। महिला-पुरूष अनुपात के लिए माता-पिता के साथ-साथ समाज में जागरूकता लाने की जरूरत है। हमारे देश में महिलाओं की पूजा की परम्परा है। हम धन की देवी लक्ष्मी, पराक्रम की देवी दुर्गा और विद्या की देवी सरस्वती को मानते हैं। भू्रण हत्या, बाल विवाह और दहेज प्रथा पर भी रोक लगाना आवश्यक है। इन अपराधों के प्रति कड़ी कार्यवाही को व्यवहार में लाया जाये। उन्होंने कहा कि यह गंभीर विषय है, इस पर पूरे सभ्य समाज को विचार करना होगा।
श्री नाईक ने कहा कि लिंग भेद को मिटाने की जरूरत है। पूर्व राष्ट्रपति डाॅ0 राधाकृष्णन को उद्धृत करते हुए उन्होंने कहा कि एक बेटी के शिक्षित होने से पूरा परिवार शिक्षित होता है। बेटा-बेटी को समान अवसर मिलना चाहिए। कुलाधिपति के रूप में उन्होंने देखा है कि दीक्षान्त समारोह में साठ-पैसठ प्रतिशत पदक बेटियों को मिल रहे हैं। बेटियाँ पढ़ाई को लेकर ज्यादा संजीदा हैं। बेटियाँ घर में भी काम करती हैं और पढ़ाई भी करती है। आज महिलायें सेना, वायु सेना, अंतरिक्ष, मेट्रो रेल संचालन आदि में अपनी जगह बना रही हैं। उन्होंने पुलिस वीक पर आयोजित परेड की बात करते हुए कहा कि यह महिलाओं की लिए उपलब्धि है कि परेड का नेतृत्व लखनऊ की महिला वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मंजिल सैनी द्वारा किया गया।
राज्यपाल ने कहा कि बेटियाँ दो घरों को जोड़ने का काम करती हैं। परिवार की गाड़ी महिला और पुरूष से चलती है। दोनों पहिये सही ढंग से चलते हैं तो सफलता मिलती है। पूर्व प्रधानमंत्री स्व0 लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया और उसमें जय विज्ञान जोड़कर पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने विज्ञान को नया आयाम दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि ठीक उसी प्रकार बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं के साथ-साथ बेटी बढ़ाओं का नारा जोड़कर बेटियों को प्रथम पंक्ति में लाया जा सकता है। चरैवेति! चरैवेति!! को सफलता का मंत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि बेटियाँ आगे बढे़ंगी तो देश आगे बढे़गा।
राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए सुश्री प्रियांशी श्रीवास्तव (संगीत), सुश्री प्रतीक्षा श्रीवास्तव (संगीत), सुश्री अमिताषा सिन्हा (खेल), सुश्री अंशिका तिवारी (खेल), सुश्री युगरत्ना (पर्यावरण), डाॅ0 ममता गिरी प्रधान (चिकित्सा) तथा श्रीमती कुंवर (वाहन चालक) को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में बेटी बचाओं-बेटी पढ़ाओं से संबंधित नृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किये गये।