इस्लाम औरतों की इज़्ज़त आबरू का मुहाफ़िज़ है: मौलाना फ़रमान नदवी
जश्ने मीलादुन्नबी व आल इंडिया मुशायरा कल, तैयारियां मुकम्मल
लखनऊ: मरकज़ी मीलादुन्नबी कमेटी (रजि०) की ओर से हज़रत मोहम्मद साहब के जन्म दिन की पूर्व संध्या पर विगत 65 वर्षों की भांति इस वर्ष भी नगर के ऐतिहासिक स्थान झण्डे वाला पार्क अमीनाबाद में एक भव्य जश्ने मीलादुन्नबी एवं अखिल भारतीय मुशायरा नात का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम का शुभारंभ ठीक 9 बजे क़ारी उसमान की तिलावते क़ुरान पाक से हुआ जिसका अनुवाद और व्याख्या मौलाना जहाँगीर आलम क़ासमी ने की। अय्यूब लखनवी ने नज़राना ए नात पेश किया।
नदवा कालेज में हदीस के उस्ताद नौजवान धर्मगुरू मौलाना फ़रमान नदवी ने अपने व्याख्यान में इसलाम में महिलाओं के अधिकार पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसलाम वह अकेला मज़हब है जिसने आज से 1400 वर्ष पूर्व महिलाओं को सम्मानजनक ज़िन्दगी गुज़ारने का हक़ दिया, उनको बाप की जायदाद में हिस्सा दिया। हदीस के उस्ताद मौलाना सुबहान ने हज़रत मोहम्मद साहब के जीवन और शिक्षाओं पर रौशनी डालते हुए कहा कि आज सारी दुनिया में इस्लाम और मुसलमानों को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है। इस्लाम को दहशतगर्दी का मज़हब कहने वालों को इसलाम धर्म के सिद्धान्तों का ज्ञान नहीं है। महिलाओं की आज़ादी के नाम पर पुरुष समाज उनका शोषण कर रहा है जब कि इस्लाम महलिओं की इज़्ज़त आबरू का मुहाफ़िज़ है।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता मौलाना बिलाल अब्दुल हई हसनी नदवी ने वर्तमान दौर में इस्लाम धर्म की शिक्षाओं पर अमल करने की ज़रूरत पर जो़र दिया। उन्होने कहा कि इस्लाम मानवता का सन्देश वाहक है। मौलाना ने बताया कि इस्लाम ने महिलाओं और पड़ोसियों को बहुत हुक़ूक़ दिये हैं, पडोसियों का हक़ अदा करने में धर्म और जाति का कोई भेदभाव नहीं है।
मीलाद कमेटी के महामंत्री एम० ए० हसीब एडवोकेट ने आयोजन का संक्षिप्त इतिहास बताते हुए देश और दुनिया की वर्तमान परिस्तिथियों पर अपने विचार व्यक्त किये।
रात 1 बजे से प्रातः काल तक चलने वाले नातिया मुशायरे में देश प्रदेश के नातगो शायरों ने मोहम्मद साहब और उनके सहाबा की शान में कलाम पेश किया।
प्रातः दुरूद सलाम के बाद देश की उन्नति और विश्व शांति के लिए दुआ की गयी। कार्यक्रम का संचालन पत्रकार के० एम० अब्दुल्लाह एवं डा० कुद्दूस हाशमी ने किया। सभी मेहमानों का शुक्रिया कमेटी के संयोजक जमाल एज़ाज़ ने अदा किया।