राहुल ने पेटीएम को बताया ‘पे टू मोदी’
विपक्षी दलों ने संसद भवन परिसर में ‘काला दिवस’ मनाया
नई दिल्ली। नोटबंदी की घोषणा को एक महीना पूरा होने पर आज विपक्षी दलों ने संसद भवन परिसर में ‘काला दिवस’ मनाया और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने इस निर्णय को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि उनके इस मूखर्तापूर्ण फैसले ने देश को बर्बाद कर दिया है।
नोटबंदी का आज एक महीना पूरा हो गया है। आज विपक्ष ने नई ताकत के सात मोदी सरकार पर हमला बोला। संसद भवन परिसर में कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने प्रदर्शन किया और सरकार पर तीखा हमला बोला। खास तौर पर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को निशाने पर लेते हुए कहा कि अब पीएम बहानेबाजी कर रहे हैं।
राहुल ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा कि ये एकदम बेकार फैसला है, इससे पूरे देश को नुकसान हुआ है। नोटबंदी साहसिक नहीं मूर्खतापूर्ण फैसला है। शुरुआत में इन्होंने बोला कालाधन वापस आएगा, वो बात बेकार हो गई। कालेधन के बाद प्रधानमंत्री आतंकवाद के पास गए। फिर प्रधानमंत्री ने कहा कि ये नकली नोट के खिलाफ है। फिर प्रधानमंत्री भागे और कहा कि कैशलेस इकोनॉमी की तरफ गए। कैशलेस इकोनॉमी से 4-5 कंपनियों को फायदा होगा। हम उन्हें भागने नहीं देंगे, हम पकड़कर उनको समझा देंगे।
राहुल ने कहा कि हाउस को चलाने की जिम्मेदारी सरकार की है, हम चाहते हैं वोट हो, वोट होगा तो बीजेपी के लोग भी हमें वोट देंगे। प्रधानमंत्री पॉप कन्सर्ट में जा रहे हैं, लेकिन यहां नहीं आ रहे। यहां आएंगे तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। सरकार चर्चा नहीं चाहती है। राहुल ने कैशलेस ट्रांजेक्शन को लेकर भी मोदी को घेरा और नया जुमला उछाला- पेटीएम मतलब पे टू मोदी। जब उनसे सवाल पूछा गया कि पे टू मोदी क्यों है? उन्होंने जवाब दिया, लोकसभा में बोलने देंगे तो मैं सब साफ कर दूंगा।
उन्होंने कहा, आखिरी बात मैं कहना चाहता हूं कि मोदी जी ने किसी को नहीं बताया था फैसले के बारे में। बंगाल बीजेपी ने फैसले से ठीक पहले पैसा जमा कराया, बिहार में ज़मीन खरीदी, कर्नाटक के बीजेपी नेता ने 500 करोड़ की शादी की, उनके ड्राइवर ने आत्महत्या कर ली। जिनको मालूम होना था, उन्हें सब मालूम था। बीजेपी के लोगों ने और मोदी जी ने उन्हे पहले ही बता दिया। नुकसान गरीबों का हुआ, काले धन वाले सब भाग गए, लाइन में एक भी अमीर आदमी नहीं दिखा, लाइन में गरीब लगे हैं। ये सूट-बूट की सरकार का काम है।