वैवाहिक बलात्कार के खिलाफ आवाज उठायें महिलाऐं : कैटरीना कैफ
नई दिल्ली: अक्सर कई विषयों पर चुप्पी साधने वाली कैटरीना कैफ ने दुनिया भर में हो रहे लैंगिक भेदभाव और महिलाओं की स्थिति पर खुलकर बात की है. कैटरीना कैफ ने कहा है कि महिलाओं को चुपचाप अत्याचारों को सहन करने के बजाय उनके खिलाफ होने वाले वैवाहिक बलात्कार एवं अन्य तरह के अपराध जैसे मुद्दों पर जरूर आवाज उठानी चाहिए.
कैटरीना ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या तब आती है जब शिक्षित महिलाएं अपने साथ अत्याचार होने देती है. शिक्षित महिलाएं भी सामाजिक नियम कायदों के दबाव में घुटती रहती हैं और ऐसे मुद्दों पर खामोशी ओढ़ लेती हैं, लेकिन ऐसे मामलों में उन्हें आवाज उठानी चाहिए.
कैटरीना ने कहा, मैं ऐसी शिक्षित महिलाओं को भी जानती हूं जो चुपचाप हिंसा सहती रहती हैं क्योंकि वे सामाजिक नियम कायदों से डरती हैं और उंगलियां भी उन्हीं की ओर उठती है. खास तौर पर तब जबकि हमारे समाज के अधिकतर लोग वैवाहिक बलात्कार जैसे अपराध को मानने से इंकार करते हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं अधिक से अधिक महिलाओं से इस मुद्दे को उठाने को अनुरोध करूंगी. खुद को कमतर या कमजोर समझना ठीक नहीं है क्योंकि किसी तरह की कोरी कल्पना के आधार पर हम लैंगिक रूप से कमजोर नहीं हैं।
अभिनेत्री ने कहा कि दुनिया के बड़े हिस्से पर पितृ सत्तात्मक समाज का नेतृत्व है और बरसों से महिलाएं अपने खिलाफ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय इस पर चुप्पी साधे रही हैं।’कैटरीना ने कहा कि यह जानकर बेहद दुख होता है कि लैंगिक भेदभाव ऐसे देश में हो रहा है जहां महिलाएं राष्ट्राध्यक्ष रह चुकी हैं। उन्होंने कहा, ‘ब्रिटेन से पहले भारत में एक महिला राष्ट्राध्यक्ष रह चुकी हैं, जबकि अमेरिका में ऐसा अब तक नहीं हो पाया है। यही कारण है कि भारत में लैंगिक भेदभाव के बारे में सुनकर आश्चर्य होता है। यह दुखद बात है कि हम ऐसा करते हैं।‘
अभिनेत्री ने कहा, ‘हर दिन महिलाओं के खिलाफ हिंसक अपराध की चौंकाने वाली खबरें सुनने को मिलती हैं। सिर्फ कल्पना ही की जा सकती है कि भारत में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कितने मामले रिपोर्ट नहीं किए गए।’’ कैटरीना ने कहा, बहरहाल यह सिर्फ भारत की ही समस्या नहीं है और संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि यह हर जगह हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘ महिलाओं के खिलाफ अपराध के बढ़ते मामलों पर मेरा मानना है कि यह अपराध में बढ़ोतरी नहीं है बल्कि ऐसी महिलाओं की संख्या में इजाफा है जो अपने उपर हो रहे अपराध के खिलाफ खुलकर सामने आ रही हैं और इसकी रिपोर्ट कर रही हैं।’’