आत्ममुग्ध मोदी इटली के प्रधानमंत्री से सीखें: बहुजन विजय पार्टी
लखनऊ। अमेरिकी पत्रिका टाइम्स से टाइम्स पर्सन आॅफ द इयर अवार्ड प्राप्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आत्ममुग्ध होने के बजाय इटली के प्रधानमंत्री मैटियो रैंजी से जनता का सम्मान करना सीखें, जिन्होंने मतदाताओं द्वारा संवैधानिक बदलाव को खारिज करने के बाद प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है।
अम्बेडकर परिनिर्वाण दिवस पर पार्टी कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में डा0 अम्बेडकर को श्रद्धा-सुमन अर्पित करने के बाद बहुजन विजय पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष केशव चन्द्र ने कहा कि मोदी के आदर्श पूंजीवादी व्यवस्था के प्रतीक गांधी हैं न कि अम्बेडकर। अगर मोदी अम्बेडकर भक्त होते तो वे नोटों पर अम्बेडकर की फोटो लगाते न की गांधी की। अम्बेडकर ने स्पष्ट कहा था कि हर दस साल पर करेंसी बदल देनी चाहिए जबकि गांधी का ऐसा कोई आर्थिक चिंतन था ही नहीं। अम्बेडकर की नकल कर करेंसी बदलना और इसके बावजूद गांधी की फोटो लगाना पूंजीवादी व्यवस्था को बढ़ावा देना ही है। उन्होंने नोटों पर गांधी के बजाय अम्बेडकर की फोटो लगाने की मांग की।
बीवीपी अध्यक्ष ने कहा कि अमेरिकी पत्रिका टाइम्स से टाइम्स पर्सन आॅफ द इयर अवार्ड के लिए जीते नरेन्द्र मोदी को वास्तविक पुरस्कार अमेरिकी पत्रिका के बजाय भारत की जनता से लेना चाहिए जो अब नोटबंदी के मामले में त्राहि-त्राहि कर रही है तथा इन कथित अच्छे दिनों की तुलना में अपने पुराने बुरे दिनों की मांग कर रही है। उन्होंने कहा कि अब यह तय होना चाहिए कि नोटबंदी का उद्देष्य व कार्यषैली दोनों राष्ट्रहित में है या नहीं। अब नोटबंदी पर नेताओं के बयानों के बजाय जनमत संग्रह हो तथा इटली की तरह जनमत संग्रह से प्राप्त परिणामों से यह तय हो कि प्रधानमंत्री अब कुर्सी पर रहें अथवा नहीं।
इटली के प्रधानमंत्री मैटियो रैंजी के इस्तीफे को एक श्रेष्ठ राजनीतिक उदाहरण बताते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सच्चाई यह है कि मोदी कभी भी रैंजी की ऊँचाई नहीं छू सकते क्योंकि इतिहास में अमर होने की विकलता के चलते वे आम जनता के दुख-दर्द से कोसों दूर हैं। लोग मर रहे हैं, लाषों को लेकर कतारों में खड़े हैं, दवाआंे के अभाव में मासूम बच्चे-बूढे़ सभी मर रहे हैं, शादियाँ टूटने के सदमे से लड़कियांे के पिता मर रहे हैं, घरों में चूल्हे नहीं जल पा रहे हैं। फैक्ट्रियों, भठ्ठों, उद्योगों के बंद होने से मजदूर बेरोजगार हो गये। लाखों की रोजी-रोटी समाप्त हो गयी, किन्तु मोदी अमेरिकी पुरस्कार प्राप्त कर प्रसन्न हैं।
केशव चन्द्र ने कहा कि आधी-अधूरी, बिना सोची-समझी व पक्षपातपूर्ण गतिविधियों का ही नतीजा है कि भ्रष्ट बैंक मैनेजर, चार्टर्ड एकाउन्टेन्ट, कालाबाजारिये व सक्षम लोग मोदी के अभियान को जबरदस्त झटका दे रहे हैं तथा आगे भी देते रहेंगे। जिनके विरूद्ध अभियान था वे तो रास्ते निकाल चुके हैं किन्तु दलित वर्ग व पिछड़े, इस नोटबंदी से सर्वाधिक उत्पीड़ित हो रहे हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि अगर हिम्मत है तो मोदी नोटबंदी पर रैंजी जैसे जनमत संग्रह कराकर देख लें।