विश्व विकलांग दिवस पर मुख्यमंत्री ने विकलांगजनों को वितरित किये सहायक उपकरण
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विश्व विकलांग दिवस के अवसर पर आज यहां अपने सरकारी आवास पर प्रदेश के विकलांगजन के लिए उपयोगी विभिन्न सहायक उपकरणों के वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ 30 विकलांगजन को विभिन्न सहायक उपकरण प्रदान करके किया। उन्होंने 5 विकलांगजन को व्हील चेयर, 10 को श्रवण यंत्र, 15 को ट्राई साइकिल तथा इनमें से ही 8 को वैशाखी भी मुहैया करायी। वितरण कार्यक्रम के तहत समाजवादी सरकार द्वारा राज्य के लगभग 10 हजार विकलांगजन को विभिन्न सहायक उपकरण प्रदान किया जाना है।
इस अवसर पर विकलांगजन विकास मंत्री साहब सिंह सैनी ने कहा कि समाजवादी सरकार ने सभी क्षेत्रों में विकास के नये आयाम स्थापित किये हैं। वर्तमान समय में इस तरह के संसाधन एवं सुविधाएं उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल करके विकलांगजन की खूबियों को उभारा जा सकता है। इसी को ध्यान में रखकर विकलांगजन के लिए सहायक उपकरण वितरण कार्यक्रम शुरू किया गया है। समाजवादी सरकार 18 वर्ष से कम आयु वाले निःशक्त बच्चों के माता अथवा पिता को समाजवादी पेंशन योजना का लाभ दे रही है। साथ ही, कुष्ठ रोगियों को भी 2500 रुपए प्रतिमाह पेंशन देने की योजना समाजवादी सरकार द्वारा शुरू की गयी है।
प्रमुख सचिव विकलांगजन विकास विभाग महेश कुमार गुप्ता ने कहा कि विकलांगजन की दिक्कतों को समझकर उनकी जरूरतों के मुताबिक सुविधाएं उपलब्ध कराना समय की जरूरत है। इन सहायक उपकरणों के जरिए विकलांगजन का जीवन पहले के मुकाबले बेहतर, सरल और सहज होगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री द्वारा आज शुभारम्भ के उपरान्त प्रदेश के अन्य जिलों में सम्बन्धित जिले के प्रभारी मंत्री द्वारा विकलांगजन को सहायक उपकरण वितरित किए जाएंगे।
श्री गुप्ता ने बताया कि विकलांगजन को राज्य स्तरीय पुरस्कारों का वितरण प्रदेश सरकार द्वारा किया जाता है। इसके तहत 6 विकलांगजन को 5 हजार रुपए का नकद पुरस्कार दिया जाता रहा है। समाजवादी सरकार ने पुरस्कार की इस धनराशि को 21 हजार रुपए करने का फैसला लिया है। वर्तमान में उत्कृष्ट विकलांग कर्मचारियों तथा स्वतः रोजगार में लगे विकलांगजन की कैटेगरीज़ में प्रत्येक कैटेगरी में 3-3 नकद पुरस्कार देने की व्यवस्था है। समाजवादी सरकार ने फैसला लिया है कि अन्य क्षेत्रों में भी उपलब्धियां हासिल करने वाले विकलांगजन को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाए। इसके लिए नियमावली में संशोधन की जरूरी कार्यवाही की जा रही है।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने डाॅ0 राकेश वर्मा ‘रौनक’ के ग़ज़ल संग्रह ‘मज़मुआ-ए-रौनक’ का विमोचन भी किया। इस संग्रह को विकलांगजन की जरूरतों को ध्यान में रखकर एक साथ ब्रेल और आॅडियो सी0डी0 के तौर पर प्रकाशित किया गया है।