सैलरी वीक में बैंकों को हालात बेकाबू होने का डर
नई दिल्ली। देश भर के अलग-अलग हिस्सों में बैंकों से कैश न मिलने के कारण कहीं पथराव हो रहा है, कहीं शटर डाउन करके ताला लगाया जा रहा है और कहीं सड़कें जाम हो रही हैं। बैंक कर्मचारियों से झड़प तो आम हो गई है। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लग रहे हैं। ऐसे में उन्हें आशंका है कि सेलरी वीक में कहीं भीड़ उग्र न हो जाए। इसलिए उन्होंने इससे बचने के लिए ग्राहकों को डराने का तरीका निकाल लिया है।
बैंक प्रबंधक यह दिखाने की कोशिश में लगे हुए हैं उनसे कोई मारपीट करेगा तो सख्त सजा होगी। उन्हें यह आशंका है कि इस सप्ताह पैसे निकालने वाली भीड़ को काबू करना मुश्किल होगा। जबकि बैंक पहले से ही कैश की किल्लत से जूझ रहे हैं। नोएडा सेक्टर-18 की आईसीआईसीआई ब्रांच में मारपीट करने वालों को चेतावनी देने का एक बोर्ड लगा दिया गया है। यही नहीं ब्रांच के आगे पुलिस तैनात है। प्रबंधन उनकी खातिरदारी में लगा हुआ है।
बोर्ड पर लिखा गया है कि ‘यदि कोई भी व्यक्ति बैंक कर्मचारियों से दुर्व्यवहार और मारपीट करता है तो यह भारतीय दंड संहिता के हिसाब से जुर्म होगा। जिसके लिए तीन साल की जेल या जुर्माना अथवा दोनों हो सकते हैं। यह एक गैर जमानती अपराध है।’ साथ ही आईपीसी की तीन धाराओं का भी जिक्र किया गया है।
यह हालात इसलिए पैदा हो रहे हैं क्योंकि ज्यादातर एटीएम बंद हैं। कहीं कोई एटीएम चल रहा है तो उस पर भीड़ इतनी है कि आपके पहुंचते-पहुंचते कैश खत्म हो जाएगा। फरीदाबाद में सेक्टर-29 स्थित बैंक पर 25 टोकन बांटने के बाद कैश खत्म होने की घोषणा कर दी गई। कई बैंकों में चेक से भी चार हजार रूपये से ज्यादा नहीं दिए जा रहे हैं।
लोगों की सेलरी आ गई है, लेकिन वह बैंक अकाउंट की शोभा बढ़ा रही है। जबकि पहले सप्ताह में एक मध्यम वर्गीय परिवार के लिए भी कम से कम आठ-दस हजार रुपये की जरूरत है। चाहे वह बच्चों की फीस हो, मेड का मेहनताना हो, मेंटेनेंस चार्ज हो या फिर अखबार का बिल हो, इन सबका भुगतान कैश में करना है। आज पहली तारीख जरूर है लेकिन अधिकांश लोगों के पास कैश नहीं। इसलिए बैंक प्रबंधकों ने हालात बेकाबू होने का अनुमान लगा लिया है।