नोटबंदी से गरीब, कामगार की हालत दयनीय: शिवसेना
मुम्बई: शिव सेना ने सोमवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सांसद उदयन राजे भोसले की उस चेतावनी का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा है कि अगर नोटबंदी से उत्पन्न स्थिति नहीं सुधरी तो लोग बैंकों को लूट लेंगे। शिव सेना ने पार्टी मुख पत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा है, ‘‘नोटबंदी से देश के लोग नाराज हैं। हर जगह गरीब और कामकाजी वर्ग की हालत दयनीय है।’’
छत्रपति शिवाजी की 13वीं पीढ़ी के भोसले के बयान का उल्लेख करते हुए शिव सेना ने संपादकीय में कहा है कि उन्होंने लोगों की नाराजगी को अभिव्यक्त किया और मोदी सरकार को एक चुनौती दी। भोसले ने कहा है कि लोग बैंकों को लूटना शुरू कर देंगे।
संपादकीय में यह भी कहा गया है कि साल 2०14 के लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कैसे नरेंद्र मोदी को शिवाजी के आशिर्वाद प्राप्त होने दावा किया था। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की वर्तमान हालत दयनीय है। सहकारी और ग्रामीण बैंकों पर प्रतिबंधों और नकदी की कमी के साथ ग्रामीण अर्थव्यवस्था के अंत की घोषणा हो रही है।
शिव सेना ने कहा है,"किसान बेमौत मर रहे हैं। अगर वे बैंकों को लूटते हैं तो सहकारी बैंकों पर प्रतिबंधों के कारण उन्हें कुछ भी नहीं मिलेगा। ठीक इसके विपरीत सरकार उन्हें फांसी पर लटका देगी और उनसे छुटकारा पा लेगी।"
शिव सेना ने कहा है,"भोसले ने अपनी शैली में लोगों की नाराजगी का इजहार किया है। उन्होंने सवाल किया कि लोगों की परेशानी क्यों बनी हुई है, जबकि सही में कालाधन रखने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। अगर सरकार को हिम्मत है तो उसे चुनौती स्वीकार करनी चाहिए।"
केंद्र और महाराष्ट्र में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दल शिव सेना ने नोटबंदी के खिलाफ बोलने के लिए भोसले की सराहना की और कहा कि यह उनकी स्वतंत्रता को प्रदर्शित करता है, जबकि वह राकांपा के सांसद हैं। शिव सेना ने कहा,"नोटबंदी से किसान, दैनिक मजदूर और ग्रामीण कामकाजी वर्ग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कैसे हम उनसे राष्ट्रभक्ति का झंडा उठाने की उम्मीद कर सकते हैं?"
संपादकीय में कहा गया है,"वे अपनी सब्जी, फल और दूध सड़क पर फेंकने को मजबूर हैं, क्योंकि उसका खरीददार कोई नहीं है। केवल 1०० और 5०० रुपये के लिए वे भिखारियों की तरह इधर-उधर भटक रहे हैं।" दुखद है कि जिन लोगों ने वोट पाने के लिए किसानों की सहायता ली वे अब मंत्री बन गए हैं और सत्ता सुख भोग रहे हैं।
सेना ने कहा है,"भोसले लोगों की नाराजगी से भलीभांति अवगत हैं। ब्रिटिश राज में स्वतंत्रता सेनानियों ने बैंकों और खजानों को लूटा था। उन्होंने उसी तरह की चेतावनी अब सरकार को दी है।" संपादकीय में कहा गया है,"जीवित रहने के लिए लोग बैंकों को लूट सकते हैं। क्या उनकी अपनी सरकार उन पर गोलियां बरसाएंगी।"