पीएम को बुलाने की मांग पर अड़े विपक्ष का संसद में हंगामा
नई दिल्ली। आम लोगों को 1000 रुपये और 500 रुपये के नोट अमान्य किए जाने की वजह से हो रही परेशानी के मुद्दे पर चर्चा के लिए प्रधानमंत्री की सदन में उपस्थिति और उनकी एक टिप्पणी को लेकर माफी मांगे जाने की मांग पर अड़े विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण राज्यसभा में आज भी भोजनवकाश के पहले की कार्रवाई बाधित रही। जिसके बाद राज्यसभा कल 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई।
विपक्ष के हंगामे के कारण बैठक दो बार के स्थगन के बाद कल 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसी कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो पाया। बैठक शुरू होने पर क्यूबा के दिवंगत नेता फिदेल कास्त्रो को सदन में श्रद्धांजलि दी गई। इसके बाद उप- सभापति पी जे कुरियन ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। फिर कुरियन ने जैसे ही शून्यकाल शुरू करने का ऐलान किया, सपा के नरेश अग्रवाल ने कहा कि आज नोटबंदी के विरोध में देशव्यापी प्रदर्शन किया जा रहा है। नोटबंदी के कारण आम लोग बुरी तरह परेशान हैं।
अग्रवाल ने कहा कि लोगों की समस्याएं उजागर करने के लिए अखिल भारतीय स्तर पर विरोध किया जा रहा है और इसे आक्रोश दिवस नाम दिया गया है। कांग्रेस के आनंद शर्मा, माकपा के सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और बसपा प्रमुख मायावती ने अग्रवाल की बात का समर्थन किया।
सदन में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर की रात को जो ऐलान किया उसके चलते लोगों को बहुत ज्यादा परेशानी हो रही है और पूरा देश गुस्से में है। येचुरी ने कहा कि लोग बहुत ज्यादा परेशान हैं और दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान ठप पड़े हैं। बैंकों के आगे लगी कतारें कम ही नहीं हो रही हैं।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के पहले दिन, 16 नवंबर को नोटबंदी के मुद्दे पर सदन में चर्चा शुरू हुई जो अब तक पूरी नहीं हो पाई है। नारेबाजी कर सदन की कार्यवाही बाधित करने के बजाय चर्चा बहाल की जानी चाहिए और उसे तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाना चाहिए।
उप सभापति पी जे कुरियन ने नायडू के सुझाव से सहमति जताई और सदस्यों से अपने स्थानों पर लौट जाने को कहा। सदन में व्यवस्था बनते ना देख उन्होंने 11 बजकर करीब 11 मिनट पर बैठक को आधे घंटे के लिए स्थगित कर दिया। उच्च सदन की बैठक 11 बज कर 41 मिनट पर शुरू हुई तब विपक्षी सदस्य एक बार फिर प्रधानमंत्री को सदन में बुलाने और उनकी एक टिप्पणी के लिए माफी की मांग करते हुए आसन के समक्ष आ कर नारेबाजी करने लगे।
कुरियन ने कहा कि गुस्सा जाहिर करने का यह तरीका नहीं है। अगर सदस्य अपनी नाराजगी जाहिर करना चाहते हैं तो उन्हें चर्चा को आगे बढ़ाना चाहिए और सभी मुद्दे उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर सदस्य चाहें तो वह तत्काल चर्चा शुरू करने के लिए तैयार हैं। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि प्रधानमंत्री को माफी क्यों मांगनी चाहिए। क्या इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए कि काले धन के कुबेर कंगाल हो गए। क्या इसलिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए क्योंकि वह भ्रष्टाचार समाप्त करना चाहते हैं। प्रधानमंत्री के माफी मांगने का सवाल ही नहीं उठता। माफी तो विपक्षी सदस्यों को मांगनी चाहिए और देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा।
दोपहर बारह बजे बैठक प्रारंभ होने पर सभापति हामिद अंसारी ने प्रश्नकाल शुरू करने को कहा। किन्तु इसी बीच विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांग के समर्थन पर हंगामा शुरू कर दिया। हंगामे के बीच सभापति ने विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद को बोलने की अनुमति दी।
इस पर शहरी विकास मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि हमारे पक्ष की बात को भी आसन को सुनना चाहिए। उन्होंने कहा कि विपक्ष के नेता जब बोलते हैं तो विपक्षी सदस्य शांत रहते हैं। किन्तु जब सत्ता पक्ष की ओर से कोई बोलता है तो विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगते हैं जिससे उनकी बात नहीं सुनी जा पाती है। अंसारी ने नायडू को आश्वस्त किया कि उनकी बात सुनी जाएगी। इसके बाद जैसे ही आजाद ने बोलना शुरू किया, बीजेपी के कई सदस्यों ने खड़े होकर नारेबाजी शुरू कर दी। हंगामे के बीच आजाद ने कहा कि विपक्षी पार्टियों की बैठक हुई थी। जिसमें हमने नोटबंदी के कारण आम आदमी को होने वाली परेशानी के विरोध में सोमवार को आक्रोश दिवस मनाने का फैसला किया था।
आजाद ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि 18 विपक्षी दलों ने आज ‘जन आक्रोश दिवस’ मनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि हमने भारत बंद का कोई आहवान नहीं किया। उन्होंने कहा कि पता नहीं प्रधानमंत्री ने कैसे कह दिया कि विपक्ष सोमवार को भारत बंद करने जा रहा है। हंगामे के बीच आजाद ने कहा कि नोटबंदी के कदम के कारण हो रही परेशानियों के चलते कई लोगों की जान चली गई है। इस बीच बीजेपी के कई सदस्य नारेबाजी करते रहे और हंगामे के बीच आजाद की बात साफ नहीं सुनाई दे पा रही थी। हंगामा थमते न देख अंसारी ने महज पांच मिनट के भीतर बैठक को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। जिसे बाद में कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
नोटबंदी के मुद्दे पर आज भी लोकसभा में जबरदस्त हंगामा मचा और कार्यवाही कई बार स्थगित करनी पड़ी। कारण आम जनता और गरीब लोगों को भारी परेशानी होने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा समेत कुछ विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर लोकसभा में कार्य स्थगन करके मतविभाजन के प्रावधान के तहत चर्चा कराने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा में मौजूद रहकर चर्चा का जवाब देने की मांग की। सरकार की ओर से कहा गया कि प्रधानमंत्री चर्चा में हस्तक्षेप को तैयार हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि केंद्र के नोटबंदी के फैसले के खिलाफ आज सारे देश में आक्रोश दिवस मनाया जा रहा है। मोदी जी के फैसले के कारण गरीब, मजदूर, असंगठित क्षेत्र के लोग, किसान, महिलाएं आदि काफी प्रभावित हुए हैं। लोग एक पैसा भी नहीं निकाल पा रहे हैं। देश की आर्थिक व्यवस्था बर्बाद हो रही है। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि सरकार के नोटबंदी के फैसले के कारण जनता को जो तकलीफ हो रही है, उसके बारे में हमारे कार्यस्थगन प्रस्ताव को मंजूर किया जाए। मोदीजी सदन से बाहर बोल रहे हैं। हमारा कहना है कि प्रधानमंत्री सदन में आएं और इस फैसले के बारे में सदन में बोलें।
गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि यह राष्ट्रहित में लिया गया क्रांतिकारी, साहसिक और गरीबोन्मुखी कदम है और किसी ने भी यह सवाल नहीं उठाया कि यह गलत नीयत से लिया गया फैसला है। इस फैसले पर किसी ने सवाल नहीं उठाया।
विपक्षी दलों द्वारा प्रधानमंत्री से संसद में बहस के दौरान उपस्थित रहने पर जोर दिए जाने पर गृह मंत्री ने कहा कि अगर विपक्ष चाहता है कि प्रधानमंत्री संसद में आएं, तो प्रधानमंत्री आएंगे और बहस में हस्तक्षेप करेंगे। उन्होंने कहा कि बड़े नोटों को अमान्य करने का हमारी सरकार का फैसला कालेधन के खिलाफ जंग है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जहां तक इस फैसले को लागू करने की बात है तो हम पहले दिन से इस पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। हम इस बारे में विपक्ष के सुझावों पर भी विचार करने को तैयार हैं।
गृह मंत्री सिंह जब सदन में बोल रहे थे उसी समय कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वामदलों के सदस्य आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की बैठक दोपहर 12 बजकर 25 मिनट पर दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी।