नोटबंदी पर राज्यसभा में ज़ोरदार बहस जारी
नई दिल्ली: नोटबंदी (Demonetisation) के मुद्दे पर राज्यसभा में बहस जारी है जबकि हंगामे के कारण लोकसभा को पूरे दिन के स्थगित कर दिया गया। राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बहस के दौरान मौजूद हैं। पीएम मोदी के सदन में पहुंचते ही विपक्ष और सत्तारुढ़ के संसदों ने उनका स्वागत किया। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सदन को बताया कि बहस के अंत में पीएम मोदी भी इस मुद्दे पर जवाब देंगे। मायावती ने कहा कि नोटबंदी का तरीका ठीक नहीं है और इसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित कर दी गई है।
तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रयान ने कहा कि नोटबंदी को लागू करने के लिए तैयारियां बीते एक साल से चल रही थीं तो फिर 100 रुपये के ज्यादा नोट क्यों नहीं छपवाए गए। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इस फैसले की जानकारी वित्त मंत्री अरुण जेटली को नहीं थी। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से कालेधन की समस्या खत्म नहीं होने वाली है क्योंकि ब्लैकमनी का केवल छह प्रतिशत ही कैश में है। नोटबंदी से लोगों को जो दिक्कत हो रही है हम सिर्फ उसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। ऐसे में आप हमें राष्ट्रद्रोही बताकर पेश मत कीजिए। यह कोई राजनैतिक आंदोलन नहीं है। यह लोगों को आंदोलन है और आप जनता की आवाज को नहीं दबा सकते हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने पीएम मोदी के भावुक होने पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर हमारे देश के पीएम को जान का खतरा हो सकता है तो फिर हमारे देश की पाकिस्तान से रक्षा कौन करेगा। उन्होंने कहा कि आप यूपी में बेफिक्र होकर घूम सकते हैं क्योंकि हमारे राज्य में कानून व्यवस्था अच्छी है। इस पर सदन में बैठे पीएम मोदी मुस्कुराने लगे। नरेश अग्रवाल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला चुनाव को देखते हुए लिया गया है।
राज्यसभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद ने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नोटबंदी पर कुछ कहना चाहते है। इस पर केन्द्र सरकार की तरफ से वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आपत्ति जातते हुए कहा कि वह बहस में बोल सकते हैं और ऐसे ही किसी को बोलने का मौका नहीं दिया जा सकता है। वहीं कांग्रेस का कहना है कि राज्यसभा में मनमोहन सिंह को बोलने दिया जाए और पूर्व पीएम का सम्मान होना चाहिए। हालांकि उपसभापति ने मनमोहन सिंह को सदन में बोलने की इजाजत दे दी, पर सरकार तैयार नहीं थी।
मायावती ने पीएम मोदी के द्वारा जारी बुधवार को जारी किए गए सर्वे के आंकड़ों पर कहा कि चुनाव करा लें तो देश के मूड का पता चल जाएगा। उन्होंने पीएम मोदी सर्वे को फर्जी बताया। गुरुवार को यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी प्रधानमंत्री से मिलने के लिए संसद पहुंचें।
वहीं राजनाथ सिंह ने दोनों सदनों में विपक्ष के गतिरोग को खत्म करने के लिए गुरुवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन कोई भी नेता इस बैठक में शामिल नहीं हुआ।