नोटबंदी के लिए बहुत हिम्मत चाहिए थी: जेटली
नई दिल्ली। नोटबंदी पर विपक्ष के हमले पर पलटवार करने की रणनीति तय करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने संसदीय दल की बैठक बुलाई। संसदीय दल की बैठक में पार्टी ने प्रस्ताव पास किया कि इस महत्वपूर्ण अवसर पर राजनीतिक दलों को चुनना होगा कि वह देश के साथ हैं या काला धन रखने वालों के साथ। बीजेपी ने संसद में गतिरोध पैदा करने वालों की निंदा की। बीजेपी ने प्रस्ताव में राष्ट्रहित में लिए गए फैसले पर पीएम को बधाई भी दी।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए नोटबंदी के फैसले को ऐतिहासिक बताया और कहा कि जब कभी देश का इतिहास लिखा जायेगा तो इसको ऐतिहासिक कदम बताया जायेगा। इसको लागू करने की शक्ति सबके पास नहीं होगी लेकिन प्रधानमंत्री ने यह कर दिखाया। राहुल गांधी की टिप्पणियों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि वह बेबुनियाद आरोप लगाते हैं कि पीएम को वित्त मंत्री पर भरोसा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि वित्त मंत्री को भी इस फैसले के बारे में नहीं पता था, फिर वही लोग कहते हैं कि पार्टी पहले से यह बात जानती थी।
वित्त मंत्री ने कहा कि बीती रात सरकार ने ऐसे कई फैसले लिए हैं जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा। सरकार इन फैसलों का ऐलान कुछ दिनों में करेगी। जेटली ने कहा कि अगले कुछ हफ्तों में हम कृषि क्षेत्र पर ध्यान देने की कोशिश कर रहे हैं, रबी का सीजन भी आने वाला है। उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के लिए इस फैसले से कठिनाइयां हो सकती हैं, इन दिनों व्यापार भी धीमा है लेकिन डिजिटल इकॉनमी इस फैसले से आगे बढ़ेगी।
विपक्ष के पास मुद्दा नहींः विपक्ष की मांग पर उन्होंने कहा कि नोटबंदी पर चर्चा को सरकार तैयार है लेकिन विपक्ष लगातार बाधा डाल रहा है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में हमने विपक्ष की चर्चा की मांग पर कहा कि यह तुरंत हो। विपक्ष के पास कहने को कम था तो नये कारण ढूंढने लगे जिससे चर्चा न हो। अगर चर्चा नहीं होगी तो जो निर्णय लिया गया है उसका कोई मतलब नहीं रह जायेगा। नोटबंदी से निवेश बढ़ेगा और इससे ग्रामीण क्षेत्रों को फायदा होगा। जेटली ने कहा कि इस फैसले के लिए बहुत हिम्मत चाहिए थी और नोटबंदी का देशभर में स्वागत हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले 70 साल के ‘नॉर्मल’ का खत्म करके, पीएम ने एक नया ‘नॉर्मल’ तैयार किया है। नोटबंदी से गरीबी मिटाने में मदद मिलेगी। जेटली ने कहा कि इस फैसला का असर ये होगा कि बैंक अपनी कर्ज की दरें घटाएंगे और लोगों के पास अधिक पैसा पहुंचेगा।
जेटली ने कहा कि हम देश में ऐसी टैक्स प्रणाली चाहते हैं जहां लोग ईमानदारी से अपने टैक्स भरें। उन्होंने कहा कि वामपंथियों को तो विशेष ध्यान देना चाहिए। मजदूर के खाते में अगर पैसा जायेगा तो उनको ही फायदा होगा। वामपंथियों को तो समर्थन करना चाहिए।
नोटों की छपाई में वक्त लगता हैः जेटली ने कहा कि 500 और 1000 रुपये भारत में चल रहे कुल नोटों का 86 फीसदी हिस्सा है। इसे बदलकर नई करेंसी को छापने में समय लग रहा है। छपने के बाद करेंगी सवा लाख बैंकों में जाएगी, 1 लाख तीस हजार पोस्टऑफिस में इसे भेजा जाएगा और फिर एटीएम में…। एटीएम को बदलने में चार से पांच घंटे लगते हैं और फिर 2 लाख एटीएम हैं तो इसमें महीनों महीनों लगते हैं। ये संभव था कि लाइन लगेगी और लोगों को दिक्कत होगी। लेकिन अब शहर में स्थिति सामान्य होगी और हमारा ध्यान अब ग्रामीण क्षेत्रों में होगा।